वाइगोत्सकी: संज्ञानात्मक विकास उपागम
_______________________________
लिव सिमनोविच वाइगोत्सकी (1896-1934) का सामाजिक दृषिटकोण संज्ञानात्मक विकास का एक प्रगतिशील विश्लेषण प्रस्तुत करता है। वस्तुत: रूसी मनोवैज्ञानिक वाइगोत्सकी ने बालक के संज्ञानात्मक विकास में समाज एवं उसके सांस्कृतिक संबन्धें के बीच संवाद को एक महत्त्वपूर्ण आयाम घोषित किया। पियाजे की तरह के वाइगोत्सकी (1896-1934)भी यह मानते थे कि बच्चे ज्ञान का निर्माण करते है। किन्तु इनके अनुसार संज्ञानात्मक विकास एकाकी नहीं हो सकता, यह भाषा विकास, सामाजिक विकास, यहाँ तक कि शारीरिक विकास के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में होता है।
वाइगोत्सकी के अनुसार बच्चे के संज्ञानात्मक विकास को समझने के लिए एक विकासात्मक उपागम की आवश्यकता है जो कि इसका शुरू से परीक्षण करे तथा विभिन्न रूपों हुए परिवर्तन को ठीक से पहचान पाएं। इस प्रकार एक विशिष्ट मानसिक कार्य जैसे- आत्म-भाषा (inner speech) को विकासात्मक प्रक्रियाओं के रूप में मूल्यांकित किया जाए न कि एकाकी रूप से।
वाइगोत्सकी के अनुसार यह आवश्यक है कि संज्ञानात्मक विकास को समझने के लिए उन औजारों का परीक्षण (जो कि संज्ञानात्मक विकास में मèयस्थता करते हैं तथा उसे रूप प्रदान करते हैं)अति आवश्यक है। इसी के आधार वह यह भी मानते हैं कि भाषा संज्ञानात्मक विकास का महत्त्वपूर्ण औजार है। इनके अनुसार आरमिभक बाल्यकाल में ही बच्चा अपने कायो के नियोजन एवं समस्या समाधान में भाषा का औजार की तरह उपयोग करने लग जाता है।
इसके अतिरिक्त वाइगोत्सकी का यह भी मानना है कि संज्ञानात्मक कौशल आवश्यक रूप से सामाजिक एवं सांस्कृतिक संबंधें में बुने होते हैं।
वाइगोत्सकी के अनुसार जैविक कारक मानव विकास में बहुत ही कम किंतु आधारभूत भूमिका निभाते हैं, जबकि सामाजिक कारक उच्चतर संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं (जैसे- भाषा, स्मृति व अमूर्त चिंतन)में लगभग सम्पूर्ण व महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पियाजे के सिद्धांत (जिसमें जैविकता तथा विकास, अधिगम में अग्रणी भूमिका निभाते हैं)के विपरीत वाइगोत्सकी के सिधान्तानुसार अधिगम व विकास सांस्कृतिक व सामाजिक वातावरण की मèयस्थता के साथ चलते हैं। संभावित विकास का क्षेत्र जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे)इस प्रक्रिया को और स्पष्ट करता है। उनका कहना है कि बालक के विकास को सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से अलग नहीं किया जा सकता, वह इन गतिविधि यों में अन्तर्निहित होता है।
वाइगोत्सकी के अनुसार अधिगम पहले बच्चे तथा वयस्क (या कोर्इ भी अधिक ज्ञानवान व्यकित) के बीच होता है तथा बाद में इनके अनुसार स्मृति ध्यान, तर्कशकित के विकास में, समाज की खोजों को सीखना (जैसे-भाषा, गणितीय प्रविधियाँ तथा स्मृति रणनीतियाँ इत्यादि)शामिल होता है मसलन किसी एक संस्कृति में कम्प्यूटर द्वारा गिनना अथवा किसी अन्य में अंगुलियों या मोतियों द्वारा गिनना। अत: इन तरीकों को ही बच्चा सीखता है।
वाइगोत्सकी के सिधान्त के अनुसार ज्ञान बाहय वातावरण में सिथत तथा सहयोगी होता है, अर्थात ज्ञान विभिन्न व्यकितयों एवं वातावरण (जैसे- वस्तुओं, औजार, किताबें, मानवीय निर्मित्तियों इत्यादि)तथा समुदायों (जिनमें व्यकित रहता है)में वितरित होता है। यह सिधान्त सुझाता है कि दूसरों के साथ अन्तक्र्रिया तथा सहयोगात्मक क्रियाओं द्वारा जानने की प्रक्रिया गुणात्मक रूप से श्रेष्ठ होती है।
इन दावों के आधर पर वाइगोत्सकी अधिगम तथा विकास के बारे में विशिष्ट तथा प्रभावी विचार प्रकट करते हैं। अत: वे इस बात पर जोर देते हैं कि संज्ञानात्मक विकास की प्रकृति वस्तुत: सामाजिक है न कि संज्ञानात्मक, जैसा कि पियाजे का मानना है। इस प्रकार पियाजे का सिधान्त निर्मितिवाद है जबकि वाइगोत्सकी का सिधान्त सामाजिक निर्मितिवाद है। वाइगोत्सकी के इन शब्दों से यह और भी अधिक स्पष्ट होता है। हमारे स्वयं का विकास दूसरों के द्वारा होता है।
अत: वाइगोत्स्की के अनुसार सभी मानसिक या बौधिक् क्रियाएँ पहले बाहरी समाज की दुनिया में घटित होती हैं तथा अन्त: क्रियाओं द्वारा बच्चे अपने समुदाय की संस्कृति (सोचने और व्यवहार करने क तरीके)को सीखते हैं और इसी के चलते वाइगोत्सकी ने सामाजिक वातावरण के विभिन्न पक्षों, जैसे- परिवार, समुदाय, मित्रा तथा विधालय की बच्चों के विकास में भूमिका पर बल दिया।
● संभावित विकास का क्षेत्र ( Zone Of Proximal Development ZPD )
वाइगोत्सकी द्वारा प्रयुक्त यह संप्रत्यय उस अन्तर को परिभाषित करता है जो कि बच्चे के द्वारा बिना किसी सहायता के किए गए निष्पादन तथा किसी वयस्क या अधिक कुशल साथी की मदद से किए गए निष्पादन में होता है। दूसरे शब्दों में बच्चा जो कर रहा है तथा जो करने की क्षमता रखता है के बीच के क्षेत्रा को ZPD कहा जाता है। वाइगोत्सकी ने सामाजिक प्रभाव, मुख्यत: निर्देशन (बच्चे के संज्ञानात्मक विकास में योगदान)को दर्शाने हेतु ZPD के संप्रत्यय प्रयोग किया।
बच्चे का ZPD आँकने हेतु (उदाहरण के लिए) बुद्धि परीक्षण में 2 बच्चों की मानसिक आयु 8 वर्ष आँकी गर्इ। इसके पश्चात यह देखने का प्रयास किया गया। कि बच्चे किस स्तर तक अपने से उम्र में बड़े बच्चों के लिए तैयार की गर्इ समस्याओं पर कार्य कर सकते हैं। इसके लिए बच्चों की करके दिखाना विधि, समस्या-समाधन विधि, प्रश्न विधि तथा समधन के शुरुआती चरण का प्रारम्भ करना आदि के साथ मदद की गर्इ। इस प्रयोग में देखा गया कि वयस्क की मदद एवं साथ से एक बच्चा 12 वर्षीय बच्चे के लिए बनार्इ गर्इ समस्या भी हल कर पाया तथा दूसरा बच्चा 9 वर्षीय बच्चे के लिए बनार्इ गर्इ समस्या को हल कर पाने में सफल रहा।
● ढाँचा निर्माण ( Scaffolding ) —
ढाँचा निर्माण, विकास के संभावित क्षेत्रा से संबंधित संप्रत्यय है। ढाँचा निर्माण एक तकनीक है जो सहायता के स्तर में परिवर्तन करती है। शिक्षण करते समय या सहयोगी अधिगम में शिक्षक या अधिक कौशल वाले सहयोगी को अधिगमकत्र्ता के समसामयिक निष्पादन के अनुसार अपने परामर्श को समायोजित करना पड़ता है। जैसे कि यदि कोर्इ नयी तरह की समस्या है तो अधिक निर्देशन देने पड़ते है, परन्तु जैसे-जैसे छात्रा की क्षमता व कार्य अभ्यास बढ़ता जाता है निर्देशनों की संख्या कम हो जाती है।
वाइगोत्सकी के अनुसार संवाद , ढाँचा निर्माण का महत्त्वपूर्ण औजार है। बच्चों के पास अव्यवसिथत तथा असंगठित संप्रत्यय होते हैं जबकि कुशल सहायक के पास क्रमब( तार्किक एवं बुद्धि संगत विचार होते हैं। बच्चे तथा कुशल सहायक के बीच संवाद के परिणाम स्वरूप बच्चे के विचार ज्यादा क्रमब ( संगठित , तर्कसंगत एवं औचित्यपूर्ण हो जाते हैं।
● भाषा और विचार-
वाइगोत्सकी के अनुसार बच्चे भाषा का प्रयोग न केवल सामाजिक संप्रेषण अपितु स्व-निर्देशित तरीके से कार्य करने के लिए, अपने व्यवहार हेतु योजना बनाने, निर्देश देने व मूल्यांकित करने में भी करते हैं। स्व-निर्देशन में भाषा के प्रयोग को आन्तरिक स्व-भाषा या निजी भाषा कहा जाता है। पियाजे ने निजी भाषा को आत्म केनिद्रत तथा अपरिपक्व माना है, परन्तु वाइगोत्सकी के अनुसार आरंभिक बाल्यावस्था में यह बालक के विचारों का एक महत्त्वपूर्ण साध्न है।
Vygostky k samajik saanskritk Sushant par aadharit kya hai
निम्नलिखित में से कौन सा वाइगोत्सकी के सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत पर आधारित है 1 सक्रिय अनुकूलन 2 पारस्परिक शिक्षण 3 संस्कृति निरपेक्ष संज्ञानात्मक विकास 4 अंतर्दृष्टिपूर्ण अधिगम
Vygotsky ke anusar swaym an se baten karna Apne Karya Ko Dikha dena hai lekin English mein ise kya khte h? Private or inner speech ek hi bat h kya?
Adhigam aur natak shiksha me sambandh
Kohlenbarg ka siddant
Vayegotsaki n kon si year m diya tha
भाषा के विकाश में जीन पियाजे के सिद्धान्त की ब्याख्या के बारे मे कुछ जानकारी शेयर करें
Bhasa sikhna bygotski ke anusaar
Nirmitvad ka siddantha kis new diya
Baygotshki ke anusar batches jb kuch naya sikh rhe hote h to unhe hunermand byakti ke shaare ki aabsayakta hoti h is sampratayay ko undone kya sanga Di h
Vygotsky siddhant in marathi language
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity
Vygotsky theory and kohalanberg theory