Ahmedabad Mil Majdoor Andolan - 1918 अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन – 1918

अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन – 1918



Pradeep Chawla on 12-05-2019

918 का अहमदाबाद आन्दोलन एक महत्त्वपूर्ण आन्दोलन हैं , जिसमें गाँधी जी ने मिल मालिकों के विरूद्ध मजदूरों के हितो के रक्षार्थ आन्दोलन किया |



अहमदाबाद आन्दोलन का मुख्य कारण मिल – मालिकों द्वारा मजदूरों को दिए जाने प्लेग बोनस को समाप्त करना था |

मिल – मजदूर इस बोनस को बरकरार रखना चाहते थे क्योकि उनके अनुसार प्रथम विश्व युद्ध के कारण मंहगाई काफी बढ़ गयी थी | और बोनस की जो रकम मिल रही थी , वो बढ़ी हुई मंहगाई से काफी कम थी |

ब्रिटिश कलेक्टर ने इस मामले को सुलझाने के लिए गाँधी जी मिल – मालिकों पर दबाव बनाने के लिए भेजा |

गाँधी जी ने दोनों पक्षों से वार्ता करके दोनों पक्षों की सहमति पर इस मामले को ट्रिब्यूनल को सौपने का निर्णय किया , परन्तु बाद में हड़ताल का बहाना बनाकर मिल – मालिक ट्रिब्यूनल से अलग हो गए और 20% बोनस की घोषणा की तथा यह धमकी दी कि जो मजदूर इसे स्वीकार नहीं करेगा , उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा |

इस घोषणा से गाँधी जी निराश हुए और मजदूरों को हड़ताल पर जाने की सलाह दी |

हड़ताल के दौरान प्रतिदिन साबरमती के तट पर मजदूरों की सभा लगती एवं गाँधी जी उसे संबोधित करते | मजदूरों को हिंसा न करने की सलाह दी गयी | एक दैनिक बुलेटिन का भी प्रकाशन किया गया |

इसी दौरान गाँधी जी उत्पादन लागत , मुनाफा और मजदूरों के जीवन – निर्वाह खर्च का अध्धयन किया एवं 35% बोनस की माँग की |

हड़ताल में मजदूरों का उत्साह बढाने के लिए गाँधी जी ने खुद अनशन पर बैठने का निर्णय लिया और यह वचन दिया कि यदि हड़ताल के कारण मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुचते हैं ,तो वह स्वयं भूखे रहेंगे |

मिल – मालिकों पर इसका गहरा असर पड़ा एवं उन्होंने मामले को ट्रिब्यूनल को सौपने का फैसला किया |

अहमदाबाद आन्दोलन में मिल – मालिकों में से एक अंबालाल साराभाई की बहन अनुसूइया बेन गाँधी जी के साथ थी |

मिल – मजदूरों एवं मिल – मालिकों के बीच के मामले को ट्रिब्यूनल को सौपने के साथ ही अहमदाबाद आन्दोलन समाप्त हो गया |

बाद में ट्रिब्यूनल ने मिल – मजदूरों को 35% बोनस देने का निर्णय दिया | इस प्रकार गाँधी जी प्रयासों की जीत हुई |

अहमदाबाद आन्दोलन के द्वारा मजदूरों की मजदूरी में 27.5% तक की वृद्धि हुई , जिसकी गिनती अब तक के सर्वाधिक वृद्धियों में की जाती हैं |

अहमदाबाद आन्दोलन के दौरान ही गाँधी जी ने ‘ट्रस्टीशिप का सिद्धान्त’ दिया , जिसके अनुसार ‘पूंजीपति मजदूरों के हित की रक्षा करने वाला ट्रस्टी होता हैं |’

1918 में ही गाँधी जी ने ‘अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन’ की स्थापना की , जो समय की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन थी |




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Summit on 30-08-2022

Police ke exam me puchhe Jane Vale parasn

Ranjit bhuva on 08-09-2021

Tell me about tribunnal member

Shreya on 24-06-2021

Why is mil majdur andolan


Whichp on 04-10-2020

Wheuh

वह स्थान जहाँ कपास मिल श्रमिकों का सत्यग्रह हुआ on 12-01-2020

वह स्थान जहाँ कपास मिल श्रमिकों का सत्यग्रह हुआ

Rakesh Chopra on 18-12-2019

खेड़ा सत्याग्रह कब चलाया गया था

Rakesh Chopra Rakesh Chopra on 18-12-2019

असहयोग आदोंलन कब चला






नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment