सप्तभंगी नय Me Kitne नय Hai सप्तभंगी नय में कितने नय है

सप्तभंगी नय में कितने नय है



GkExams on 12-05-2019

सप्तभंगी

प्रश्नकार के प्रश्नवश अनेकान्त स्वरूप वस्तु के प्रतिपादन के सात ही भंग होते हैं। न तो प्रश्न सात से हीन या अधिक हो सकते हैं और न ये भंग ही। उदाहरणार्थ‒1. जीव चेतन स्वरूप ही है, 2. शरीर स्वरूप बिलकुल नहीं; 3. क्योंकि स्वलक्षणरूप अस्तित्व पर की निवृत्ति के बिना और पर की निवृत्ति स्व लक्षण के अस्तित्व के बिना हो नहीं सकती है; 4. पृथक् या क्रम से कहे गये ये स्व से अस्तित्व और पर से नास्तित्व रूप दोनों धर्म वस्तु में युगपत् सिद्ध होने से वह अवक्तव्य है; 5. अवक्तव्य होते हुए भी वह स्वस्वरूप से सत् है; 6. अवक्तव्य होते हुए भी वह पर से सदा व्यावृत्त ही है; 7 और इस प्रकार वह अस्तित्व, नास्तित्व, व अवक्तव्य इन तीन धर्मों के अभेद स्वरूप है। इस अवक्तव्य को वक्तव्य बनाने के लिए इन सात बातों का क्रम से कथन करते हुए प्रत्येक वाक्य के साथ कथंचित् वाचक स्यात् शब्द का प्रयोग करते हैं जिसके कारण अनुक्त भी शेष छह बातों का संग्रह हो जाता है, और साथ ही प्रत्येक अपेक्षा के अवधारणार्थ एवकार का भी। स्यात् शब्द सहित कथन होने के कारण यह पद्धति स्याद्वाद् कहलाती है।

  1. सप्तभंगी निर्देश
    1. सप्तभंगी का लक्षण।
    2. सप्तभंगों के नाम निर्देश।
    3. सातों भंगों के पृथक्-पृथक् लक्षण।
    4. भंग सात ही हो सकते हैं हीनाधिक नहीं।
    5. दो या तीन ही भंग मूल हैं।
      * सात भंगी में स्यात्कार की आवश्यकता‒ देखें - स्याद्वाद / 5 ।
      * सप्तभंगी में एवकार की आवश्यकता‒ देखें - एकान्त / 2 ।
      * सापेक्ष ही सातों भंग सम्यक् हैं निरपेक्ष नहीं‒ देखें - नय / II / 7
    1. स्यात्कार का प्रयोग कर देने पर अन्य अंगों की क्या आवश्यकता।
      * सप्तभंगी का प्रयोजन‒ देखें - अनेकान्त / 3 ।
  2. प्रमाण नय सप्तभंगी निर्देश
    1. प्रमाण व नय सप्तभंगी के लक्षण व उदाहरण।
      * प्रमाण व नय सप्तभंगी सम्बन्धी विशेष विचार‒देखें - सकलादेश व विकलादेश।
    1. प्रमाण सप्तभंगी में हेतु।
    2. प्रमाण व नय सप्तभंगी में अन्तर।
    3. सप्तभंगों में प्रमाण व नय का विभाजन युक्त नहीं
    4. नय सप्तभंगी में हेतु।
  3. अनेक प्रकार से सप्तभंगी प्रयोग
    1. एकान्त व अनेकान्त की अपेक्षा।
    2. स्पपर स्वचतुष्टय की अपेक्षा
      * विरोधी धर्मों की अपेक्षा।‒ देखें - सप्तभंगी / 5 / 7 ।
    1. सामान्य विशेष की अपेक्षा।
    2. नयों की अपेक्षा।
    3. अनन्तों सप्तभंगियों की समानता।
  4. अस्ति नास्ति भंग निर्देश
    1. वस्तु की सिद्धि में इन दोनों का प्रधान स्थान।
    2. दोनों में अविनाभावी अपेक्षा।
    3. दोनों की सापेक्षता में हेतु।
    4. नास्तित्वभंग की सिद्धि में हेतु।
    5. नास्तित्व वस्तु का धर्म है तथा तद्गत शंका।
    6. उभयात्मक तृतीय भंग की सिद्धि में हेतु।
  5. अनेक प्रकार से अस्तित्व नास्तित्व प्रयोग
    1. स्वपर द्रव्यगुण पर्याय की अपेक्षा।
    2. स्वपर क्षेत्र की अपेक्षा।
    3. स्वपर काल की अपेक्षा।
    4. स्वपर भाव की अपेक्षा।
    5. वस्तु के सामान्य विशेष धर्मों की अपेक्षा।
    6. नयों की अपेक्षा।
    7. विरोधी धर्मों में।
      * वस्तु में अनेक विरोधी धर्म युगल तथा उनमें कथंचित् अविरोध।‒ देखें - अनेकान्त / 4 ,5।
      * आकाश कुसुमादि अभावात्मक वस्तुओं का कथंचित् विधि निषेध।‒देखें - असत् ।
    1. कालादि की अपेक्षा वस्तु में भेदाभेद।
    2. मोक्षमार्ग की अपेक्षा।
  6. अवक्तव्य भंग निर्देश
    1. युगपत् अनेक अर्थ कहने की असमर्थता।
    2. वह सर्वथा अवक्तव्य नहीं।
    3. कालादि की अपेक्षा वस्तु धर्म अवक्तव्य है।
    4. सर्वथा अवक्तव्य कहना मिथ्या है।
    5. वक्तव्य व अवक्तव्य का समन्वय।
      * शब्द की वक्तव्यता तथा वाच्य वाचकता।‒ देखें - आगम / 4 ।
      * वस्तु में सूक्ष्म क्षेत्रादि की अपेक्षा स्वपर विभाग।‒ देखें - अनेकान्त / 4 / 7 ।
      * शुद्ध निश्चय नय अवाच्य है।‒ देखें - नय / V / 2 / 2 ।
      * सूक्ष्म पर्यायें अवाच्य हैं।‒ देखें - पर्याय / 3 / 1 ।

1. सप्तभंगी निर्देश


1. सप्तभंगी का लक्षण


रा.वा./1/6/5/33/15 एकस्मिन् वस्तुनि प्रश्नवशाद् दृष्टेनेष्टेन च प्रमाणेनाविरुद्धा विधिप्रतिषेधविकल्पना सप्तभंगी बिज्ञेया। =प्रश्न के अनुसार एक वस्तु में प्रमाण से अविरुद्ध विधि प्रतिषेध धर्मों की कल्पना सप्तभंगी है। (स.म./23/278/8)।


पं.का./ता.वृ./14/30/15 पर उद्धृत‒एकस्मिन्नविरोधेन प्रमाणनयवाक्यत:। सदादिकल्पना या च सप्तभङ्गीति सा मता। =प्रमाण वाक्य से अथवा नय वाक्य से, एक ही वस्तु में अविरोध रूप से जो सत्-असत् आदि धर्म की कल्पना की जाती है उसे सप्तभंगी कहते हैं।


न्या.दी./3/82/127/3 सप्तानां भङ्गानां समाहार: सप्तभङ्गीति। =सप्तभंगों के समूह को सप्तभंगी कहते हैं (स.भं.त./1/10)।


स.भं.त./3/1 प्राश्निकप्रश्नज्ञानप्रयोज्यत्वे सति, एकवस्तुविशेष्यकाविरुद्धविधिप्रतिषेधात्मकधर्मप्रकारकबोधजनकसप्तवाक्यपर्याप्तसमुदायत्वम् । =प्रश्नकर्ता के प्रश्नज्ञान का प्रयोज्य रहते, एक पदार्थ विशेष्यक अविरुद्ध विधि प्रतिषेध रूप नाना धर्म प्रकारक बोधजनक सप्त वाक्य पर्याप्त समुदायता (सप्तभंगी है)।


2. सप्तभंगों के नाम निर्देश


पं.का./मू./14 सिय अत्थि णत्थि उहय अव्वत्तव्वं पुणो य तत्तिदयं। दव्वं खु सत्तभंगं आदेशवसेण संभवदि।14। =आदेश (कथन) के वश द्रव्य वास्तव में स्यात्-अस्ति, स्यात् नास्ति, स्यात् अस्ति-नास्ति, स्यात् अवक्तव्य और अवक्तव्यता युक्त तीन भंगवाला (स्यात् अस्ति अवक्तव्य, स्यात् नास्ति अवक्तव्य, और स्यात् अस्ति-नास्ति अवक्तव्य) इस प्रकार सात भंगवाला है।14। (प्र.सा./मू./115); (रा.वा./4/42/15/253/3); (स्या.मं./23/278/11); (स.भं.त./2/1)।


न.च.वृ./252 सत्तैव हुंति भंगा पमाणणयदुणयभेदजुत्तावि। =प्रमाण सप्तभंगी में, अथवा नय सप्तभंगी में, अथवा दुर्नय सप्तभंगी में सर्वत्र सात ही भंग होते है।


स.भं.त./16/1 स च सप्तभंगी द्विविधा‒प्रमाणसप्तभंगी नयसप्तभंगी चेति। =सप्तभंगी दो प्रकार की है‒प्रमाण सप्तभंगी और नय सप्तभंगी।


3. सातों भंगों के पृथक्-पृथक् लक्षण




सम्बन्धित प्रश्न



Comments आशुजैन on 19-10-2023

अव्यक्तव्य के कितने अंग होते हैं

rajemdra kumar on 12-05-2019

sapta bhanginaya me kitne naye hai name btaye

सतीश on 12-05-2019

सप्तभंगी में कितने नय है






नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment