Uttar Pradesh Rajya Pichhda Warg Aayog उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग

उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग



GkExams on 12-05-2019

उत्तर प्रदेश राज्य पिछडा वर्ग आयोग -

भारत के संविधान में समाज के पिछड़े वर्ग के लिए विशेष सुविधाएं एवं आरक्षण प्रदान किये गये हैं ताकि इन जातियों / वर्ग का बहुमुखी विकास एवं जीवन स्तर अन्य वर्गों के समान हो सके।



भारत सरकार द्वारा गठित वी०पी० मण्डल आयोग की संस्तुतियों के संदर्भ मे माननीय उच्चतम न्यायलय की नौ सदस्यीय विशेष संविधान पीठ ने इंदिरा साहनी बनाम भारतीय संघ वाद में अपने ऐतिहासिक फैसले 1992 में परमादेश जारी किया कि अन्य पिछड़े वर्ग में जातियों को सम्मिलित / निष्कासित करने के संबध में प्रत्येक राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे ट्रिब्युनल या आयोग गठित किये जायेगें। जो शासन को अपनी संस्तुति करेगें जिन्हें सरकार सामान्यतया मानने के लिए बाध्य होगी।



अत: राज्याधीन आदि सेवाओं में अन्य पिछड़े वर्ग को अनुमन्य आरक्षण हेतु पिछड़े वर्ग की सूची में अपेक्षित समावेश अथवा निष्कासन करने एवं ततसंबंधी शिकायतों पर सम्पर्क रूप से विचार कर संस्तुति देने हेतु महामहिम श्री राज्यपाल द्वारा एक स्थायी आयोग के गठन/ स्थापना की सहर्ष स्वीकृति शासनादेश संख्या 22 / 16 / 92 कार्मिक -2 दिनांक 09 मार्च, 1992 द्वारा प्रदान की गई। इसे राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तर प्रदेश नाम दिया गया।यह आयोग सितम्बर, 1993 में अस्तित्‍व में आया।



संगठनात्मक ढांचा



राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग उ०प्र० में 01 अध्यक्ष, 02 उपाध्यक्ष व 17 सदस्‍यों के होने के संबंध में उ०प्र० सरकार के विधायी अनुभाग की अधिसूचना दिनांक 15 जून, 2007 में व्यवस्था कर दी गयी है। आयोग में एक सचिव, एक वित्त एवं लेखाधिकारी, दो अन्वेषण अधिकारी, दो शोध अधिकारी, एक अनुभाग अधिकरी एक निजी सचिव और अन्य लिपिकीय स्‍टाफ के पद सृजित किये गये हैं।







आयोग के कार्य



क-आयोग अनुसूची में किसी वर्ग के नागरिकों को पिछड़े वर्ग के सम्मिलित किये जाने के अनुरोधों का परीक्षण करेगा और अनुसूची में किसी पिछड़े वर्ग के गलत सम्मिलित किये जाने की शिकायतें सुनेगा और राज्य सरकार की ऐसी सलाह देगा, जैसी वह उचित समझे।



ख-तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन पिछड़े वर्ग के लिए उपबन्धित रक्षोपायों से सम्बन्धित सभी मामलों का अन्वेषण और अनुश्रवण‍ करेगा और ऐसे रक्षोपायों की प्रणाली का मूल्यांकन करेगा।



ग-पिछड़े वर्ग के अधिकारों से वंचित कियेजाने के सम्बन्धमें विशिष्ट शिकायतों की जॉच करेगा।



घ-पिछड़े वर्ग के सामाजिक - आर्थिक, सामाजिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग लेना और उस पर सलाह देना और उनके विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना।



ड़-राज्य सरकार को उन रक्षोपायों की कार्यप्रणाली पर वार्षिक व ऐसे अन्य समयों पर जैसा आयोग उचित समझे प्रतिवेदन प्रस्तुत करना।



च-पिछड़े वर्ग के संरक्षण, कल्याण, विकास और अभिवृद्धिके सम्बन्ध मे ऐसे अन्य कृत्यों का जो राज्‍य सरकार द्वारा उसको निर्दिष्ट किये जायें, निर्वहन करना।



आयोग की कार्य प्रक्रिया



राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उ०प्र० को सौपें गये दायित्वों के निर्वहन हेतु आयोग द्वारा कार्य प्रक्रिया विनियमावली निर्मित की गयी है जिसके अनुसार प्रदेश के अन्य पिछड़े वर्गो के रक्षोपायों के सम्बन्घ में तथा उनकी विशिष्ट शिकायतों के निराकरण एवं शिकायतों की जॉच की जाती है। आयोग में इस कार्य हेतु जाति सम्मिलन निष्कासन, नियोजन मूल्यांकन, आरक्षण, उत्पीणन आदि प्रकोष्ठ स्थापित किये गयें हैं।



मूलयांकन एवं नियोजन प्रकोष्ठ द्वारा शासन के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रदत्त अन्य सुविधाओं में पिछड़ा वर्ग के लिए प्रतिपादित आरक्षण की व्यवस्था ठीक तरह से लागू हो रही है कि नही, का अन्वेषण / परीक्षण किया जाता है।



आयोग के शोध प्रकोष्ठ द्वारा पिछड़ी जाति की सूची में किसी जाति को सम्मिलित करनें / पिछड़ी जाति की सूची से किसी जाति को निष्कासित करने / पिछड़ी जाति की सूची में शामिल करने तथा जातियों के नामों को संशोधित किये जाने के संबध में प्राप्त प्रत्यावेदनों के निष्पादन हेतु शोध कार्य किया जाता है।



शिकायत प्रकोष्ट के अन्तर्गत अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों से उनके उत्पीड़न या अन्य सुसंगत शिकायतों के बारे में सुनवाई एवं निस्तारण के उपरान्त आयोग द्वारा सम्बन्धित विभाग को संस्तुति की जाती है।



आयोग के उद्देश्य



राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रमुख उद्देश्य एवं कार्य निम्नलिखित है:-



1. राज्‍याधीन आदि सेवाओं में अन्य पिछड़े वर्गो को अनुमन्य 27 प्रतिशत आरक्षण हेतु अन्य पिछड़ें वगौं की सूची में अपेक्षित सम्मिलन / निष्कासन एवं तत्संबधी शिकायतों पर सम्यक रूप से विचार कर संस्तुति देना।



2. अन्य पिछड़े वर्गो के संबंध में राज्य सरकार द्वारा संदर्भित किसी अन्य बिन्दु पर सलाह देना।



3. पिछड़े वर्गो के विकास का मूल्यांकन करना ।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments सुरजीत कुमारपी on 12-05-2019

पिचड़ वर्ग आयोग का पता





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