खारवार समुदाय झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार के भारतीय राज्यों में मौजूद है। झारखंड में उन्हें पहाड़ी और वन क्षेत्रों में और साथ ही रांची, गुमला के मैदानों में भी वितरित किया जाता है। लोहरदगा, पलामू और हजारीबाग जिलों। [उद्धरण वांछित]
वे अक्सर सिंह का इस्तेमाल करते हैं मंडल और खारवें के रूप में उपनाम
Whya which kharwar origin
Surendra kharwar
क्या खरवार जाती राजपूत होते है तो हम लोग को government ने हमको ST मै क्यों सामिल किया है
Kharwar ji aap sabhi ko Kharwar taraf se happy all day pankaj Kharwar
Kharwar cast ka aarkshan Kya hai
हम विकास कि ओर क्यूं नहीं बढ़ रहे हैं
खरवड राजपूत का इतिहास:- राजस्थान के सीकर जिले से राजा मधु के पुत्र खड़कसेन जी से ही खरवड़,खारवर, खेरवार, उत्पत्ति हुई है, करोड़ राजपूतों को कई नाम से जाने जाते हैं जिसमें भारतीय के कई राज्यों में खरवड राजपूत है।
खण्डेला का नाम यदुवंश के 89वें राजा मधु के विभिन्न पुत्रों में से एक पुत्र खडकसेन के नाम से खण्डेला पडा। खडकसेन जी के पिता राजा मधु एक पराक्रमी तथा प्रजाप्रिय राजा थे। खडकसेन जी अपने पिता से किसी बात पर नाराज होने के कारण अपनी पत्नी, पुत्र तथा एक छोटे भाई को व अपने सैनिकों को लेकर नये राज्य की स्थापना के लिए राजमहल से निकल गये। खडकसेन जी अपनी कुलदेवी माँ कालका के परम भक्त थे तथा माता का इष्ट हमेशा अपने साथ रखते थे। माँ कालका के आशीर्वाद से खडकसेन अपने पिता के राज्य से 400 मील पूर्व दिशा में अपना राज्य स्थापित किया। वहां पर पहले चौहान राजपूतों का राज्य था परन्तु युध्द में उन्हें ललकारा और चौहान राजपूत युध्द में हार गये और खडकसेन जी की विजय हुई उसके बाद खडकसेन जी ने वहा पर खण्डेलगढ का किला बनवाया, कालिका माता जी का शिखर बंध मंदिर बनवाया तथा कृष्ण भगवान का मंदिर बनवाया खडकसेन जी से ही खरवड राजपूतों की उत्पत्ति हुई । खडकसेन जी की रानी सौभाग्य कंवर पवार धारा नगरी की राजकुमारी थी । खडकसेन जी के बाद खडकसेन जी के वंश में संग्रामसिंह जी हुए इन्हों के समय मे ही मानकराव निर्वाण चौहानो ने वापस खण्डेला पर आक्रमण कर दिया और खण्डेला इनसे छुट गया, खण्डेला छूटने के बाद ये द्वारिका की तरफ विक्रम संवत 1125 ( सन् 1068) में निकल पड़े।
खण्डेला राज्य खंडेलवाल दिगंबर जैन जाति का उत्पत्ती राज्य है। कई क्षत्रियों ने हजारों साल पहले जैन धर्म स्विकार कीया था। जो आज भी प्राचिन ग्रंथों तथा मुर्तीयो पर उल्लेखित है। खण्डेला 2000 वर्ष से ज्यादा पुराना शहर है, यह निर्बाण वंश के चौहान राजपूतों की संपत्ति थी, बाद में 16 वीं शताब्दी के मध्य के बाद शेखावतों की संपत्ति बन गई। निर्बाण अथवा निर्वाण के विषय में बाँकीदास लिखते हे: "सोनगरा माह सुं देवड़ा निसरिया। देवड़ो निरबाण देवड़ा बंस रा निरबाण कहावे
Kharwar ki manyata kiu nhi sarkar derahi hai
Mai v kharwar rajput ka pura history janna chahta hun please help me.
Khawar Rajput ki kuldevi ka Nam batay
Kharwar ek hindu samaj main rahne wala sajjan jaati hai. Jo kisi se miljul kar rahata hai
bihar ka raja kon hai
खरवार किस श्रेणी में आते है। ओबीसी ,जनरल,ऐसी,एसटी
मोबाइल नंबर 8005401488
Mai Bihar ke Bhojpur District ka rahne wala hu Chandravansh ki shakha Kuruvansh JARASANDH ka vansaj hu lekin abhi tak RAJPUT Ka manyta nhi mila hai KYO ?
hame ab apni jati ke bare me sochna hoga kya hame apni jati ke liye ladne ka hak nhi hai... kya sabhi jatiyo ka manyata mil raha hai ...to kya hamari jati kharwar ka manyata sarkar nhi de sakti aakhir hame sarkar hmari jati ki manyata kyu nhi dena chahti hai...
Kharwar kya hai
me kaimur district bihar ka rahne wala hu or hame kharwar jati ka manyata nhi mila hai....aakhir hame abhi kab tak ladna hoga....please help me
my mobile no.7494032724
Kharwar ka Sasan kab se kab tak Raha uake samrajya kaha se kaha tak tha aur unke sasko ke Nam bataye
Kharwerd rajput is witch categories
कोई बतायेगा ?
अपना जो खरवार जाति है इसकी उत्पत्ति कहाँ और कैसे हुईऔर ये जाति कहाँ से आई
Kharwar Abhi bhi pichhe kiyu hai bhai please camennt
Amazon pe book h the great kharwar use padhe..
8115138962
Kharwar ka group banaye apne jile me aur sabhi bhayiyo ko jode.
Kisi bhi jankari ke liye THE GREAT KHARWAR book ko pade sari jankari mil jayegi
खरवार कौन जाति है
खैरवार या खरवार एक युद्धक एवं लड़ाकू जाति है जो वषों से अपने मान सम्मान और वर्चस्व के लिए लड़ती आ रही है इतिहास गवाह है हम लोग शासक थे राजपूत क्षत्रिय कहलाते थे समय के साथ हम शोषित हो ग्रे इसका जिम्मेदार हम स्वयं है द ग्रेट खरवार बुक हमे एहसास दिलाता है कि हमे हर क्षेत्र में आगे आना होगा। A.S singh khairwar
Me ballia Uttar Pradesh ka rahne wala ho
Khairwar in pendra Marva chattis garcontect n,6267152062
खरवड राजपूत का इतिहास:- राजस्थान के सीकर जिले से राजा मधु के पुत्र खड़कसेन जी से ही खरवड़,खारवर, खेरवार, उत्पत्ति हुई है, करोड़ राजपूतों को कई नाम से जाने जाते हैं जिसमें भारतीय के कई राज्यों में खरवड राजपूत है।
खण्डेला का नाम यदुवंश के 89वें राजा मधु के विभिन्न पुत्रों में से एक पुत्र खडकसेन के नाम से खण्डेला पडा। खडकसेन जी के पिता राजा मधु एक पराक्रमी तथा प्रजाप्रिय राजा थे। खडकसेन जी अपने पिता से किसी बात पर नाराज होने के कारण अपनी पत्नी, पुत्र तथा एक छोटे भाई को व अपने सैनिकों को लेकर नये राज्य की स्थापना के लिए राजमहल से निकल गये। खडकसेन जी अपनी कुलदेवी माँ कालका के परम भक्त थे तथा माता का इष्ट हमेशा अपने साथ रखते थे। माँ कालका के आशीर्वाद से खडकसेन अपने पिता के राज्य से 400 मील पूर्व दिशा में अपना राज्य स्थापित किया। वहां पर पहले चौहान राजपूतों का राज्य था परन्तु युध्द में उन्हें ललकारा और चौहान राजपूत युध्द में हार गये और खडकसेन जी की विजय हुई उसके बाद खडकसेन जी ने वहा पर खण्डेलगढ का किला बनवाया, कालिका माता जी का शिखर बंध मंदिर बनवाया तथा कृष्ण भगवान का मंदिर बनवाया खडकसेन जी से ही खरवड राजपूतों की उत्पत्ति हुई । खडकसेन जी की रानी सौभाग्य कंवर पवार धारा नगरी की राजकुमारी थी । खडकसेन जी के बाद खडकसेन जी के वंश में संग्रामसिंह जी हुए इन्हों के समय मे ही मानकराव निर्वाण चौहानो ने वापस खण्डेला पर आक्रमण कर दिया और खण्डेला इनसे छुट गया, खण्डेला छूटने के बाद ये द्वारिका की तरफ विक्रम संवत 1125 ( सन् 1068) में निकल पड़े।
खण्डेला राज्य खंडेलवाल दिगंबर जैन जाति का उत्पत्ती राज्य है। कई क्षत्रियों ने हजारों साल पहले जैन धर्म स्विकार कीया था। जो आज भी प्राचिन ग्रंथों तथा मुर्तीयो पर उल्लेखित है। खण्डेला 2000 वर्ष से ज्यादा पुराना शहर है, यह निर्बाण वंश के चौहान राजपूतों की संपत्ति थी, बाद में 16 वीं शताब्दी के मध्य के बाद शेखावतों की संपत्ति बन गई। निर्बाण अथवा निर्वाण के विषय में बाँकीदास लिखते हे: "सोनगरा माह सुं देवड़ा निसरिया। देवड़ो निरबाण देवड़ा बंस रा निरबाण कहावे
श्री सोहन सिंह जी खरवड़ राजपूत
ठि. गामड़ी, कुंभलगढ, जिला राजसमन्द, राजस्थान भारत 8769988789
Day
Karwar jati ka kul devi
Kharwar, ji Chandravanshi, ji Mahato, ji
Mai bihar se hu mere jati log bahut kam padhe likhe hai mai sarkar se nibedan karata hu ki kharwar jati ka manyata di jay
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity
Gotra kya aayega Kharwad ka