Hindi Sahitya Ke आदिकाल Ki Samajik Paristhitiyaan हिंदी साहित्य के आदिकाल की सामाजिक परिस्थितियां

हिंदी साहित्य के आदिकाल की सामाजिक परिस्थितियां



GkExams on 21-02-2023


आदिकाल के बारें में : हिन्दी साहित्य के इतिहास में लगभग 8वीं शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी के मध्य तक के काल को आदिकाल कहा जाता है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की इस युग को यह नाम डॉ॰ हजारी प्रसाद द्विवेदी से मिला है।


उन्होंने इस नामकरण के पीछे यह तर्क दिया कि आदिकाल प्रारंभ का सूचक ना होकर परंपरा के विकास का सूचक है तथा इसमें वीरता पूर्ण, धार्मिक, सांस्कृतिक, शृंगारिक, भक्ति परक तथा मनोरंजनात्मक कृतियों का भी समावेश है।


आदिकाल की विशेषताएं :




यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको आदिकाल की विशेषताओं से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • राष्ट्रीय भावना
  • ऐतिहासिकता का अभाव
  • जन जीवन के चित्ररत का अभाव
  • डिंगल भाषा
  • प्राकृतिक चित्रण
  • रासों शब्द का प्रयोग
  • युद्ध वर्णन में सजीवता
  • प्रामाणिकता में संकोच
  • अनेक छंदों का प्रयोग
  • वीर एवं श्रृंगार रस
  • आश्रयदाताओं की प्रशंसा
  • अलंकारों का समावेश


  • हिंदी साहित्य के आदिकाल की सामाजिक परिस्थितियां :




    इस समय जनता की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। जनता ‘शासन‘ और ‘धर्म‘ दोनों से स्वयं को निराश्रित पा रहा था। असलियत यह थी की दोनों ही जनता का शोषण कर रहे थे। इसलिए निर्धनता बढ़ती जा रही थी जिसने जनता की स्थिति को अत्यंत दयनीय बना दिया। वह शासन तथा धर्म दोनों ओर से निराश्रित होती जा रही थी।


    राजपूतों के पास सत्ता होने के कारण समाज में उनका दबदबा बढ़ा जिससे ब्राह्मणों के वर्चस्व को खतरा महसूस हुआ। समाज विभिन्न जातियों, उप–जातियों में विभाजित था जिससे अनेक विकृतियाँ पनप रही थीं। समाज में नारी की दशा अत्यंत शोचनीय थी। और राजाओं में बहुविवाह की प्रथा का प्रचलन था। वह मात्र भोग की वस्तु रह गई थी जिसका क्रय विक्रय तक किया जा सकता था।



    आदिकाल के प्रमुख कवि :




    यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको आदिकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाओं से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • अब्दुर्रहमान : संदेश रासक
  • नरपति नाल्ह : बीसलदेव रासो (अपभ्रंश हिंदी)
  • चंदबरदायी : पृथ्वीराज रासो (डिंगल-पिंगल हिंदी)
  • दलपति विजय : खुमान रासो (राजस्थानी हिंदी)
  • जगनिक : परमाल रासो
  • शार्गंधर : हम्मीर रासो
  • नल्ह सिंह : विजयपाल रासो
  • जल्ह कवि : बुद्धि रासो
  • माधवदास चारण : राम रासो
  • देल्हण : गद्य सुकुमाल रासो
  • श्रीधर : रणमल छंद , पीरीछत रायसा
  • जिनधर्मसूरि : स्थूलिभद्र रास
  • गुलाब कवि : करहिया कौ रायसो
  • शालिभद्रसूरि : भरतेश्वर बाहुअलिरास
  • जोइन्दु : परमात्म प्रकाश
  • केदार : जयचंद प्रकाश
  • मधुकर कवि : जसमयंक चंद्रिका
  • स्वयंभू : पउम चरिउ
  • योगसार :सानयधम्म दोहा
  • हरप्रसाद शास्त्री : बौद्धगान और दोहा
  • धनपाल : भवियत्त कहा
  • लक्ष्मीधर : प्राकृत पैंगलम
  • अमीर खुसरो : किस्सा चाहा दरवेश, खालिक बारी
  • विद्यापति : कीर्तिलता, कीर्तिपताका, विद्यापति पदावली (मैथिली)

  • GkExams on 21-11-2018


    Check link below -

    http://ebooks.lpude.in/arts/ma_hindi/year_1/DHIN401_HINDI_SAHITYA_KA_ITIHAAS.pdf



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    Comments Samtoshi on 03-10-2023

    Aadikal ka samajik sthiti ke bare mein bataiye





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