Geet Farosh Kavita Ki Vyakhaya गीत फरोश कविता की व्याख्या

गीत फरोश कविता की व्याख्या



Pradeep Chawla on 12-05-2019

जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ,

मैं तरह-तरह के गीत बेचता हूँ,

मैं किसिम-किसिम के गीत बेचता हूँ



जी, माल देखिए, दाम बताऊँगा,

बेकाम नहीं है, काम बताऊँगा,

कुछ गीत लिखे हैं मस्ती में मैंने,

कुछ गीत लिखे हैं पस्ती में मैंने,

यह गीत, सख्त सरदर्द भुलाएगा,

यह गीत पिया को पास बुलाएगा



जी, पहले कुछ दिन शर्म लगी मुझको

पर बाद-बाद में अक्ल जगी मुझको,

जी, लोगों ने तो बेच दिये ईमान,

जी, आप न हों सुन कर ज्यादा हैरान -

मैं सोच-समझकर आखिर

अपने गीत बेचता हूँ,

जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ,

मैं तरह-तरह के गीत बेचता हूँ,

मैं किसिम-किसिम के गीत बेचता हूँ



यह गीत सुबह का है, गाकर देखें,

यह गीत गजब का है, ढाकर देखे,

यह गीत जरा सूने में लिक्खा था,

यह गीत वहाँ पूने में लिक्खा था,

यह गीत पहाड़ी पर चढ़ जाता है,

यह गीत बढ़ाए से बढ़ जाता है



यह गीत भूख और प्यास भगाता है,

जी, यह मसान में भूख जगाता है,

यह गीत भुवाली की है हवा हुजूर,

यह गीत तपेदिक की है दवा हुजूर,

जी, और गीत भी हैं, दिखलाता हूँ,

जी, सुनना चाहें आप तो गाता हूँ



जी, छंद और बे-छंद पसंद करें,

जी, अमर गीत और ये जो तुरत मरें

ना, बुरा मानने की इसमें क्या बात,

मैं पास रखे हूँ कलम और दावात

इनमें से भाएँ नहीं, नए लिख दूँ,

मैं नए पुराने सभी तरह के

गीत बेचता हूँ,

जी हाँ, हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ,

मैं तरह-तरह के गीत बेचता हूँ,

मैं किसिम-किसिम के गीत बेचता हूँ



जी गीत जनम का लिखूँ, मरण का लिखूँ,

जी, गीत जीत का लिखूँ, शरण का लिखूँ,

यह गीत रेशमी है, यह खादी का,

यह गीत पित्त का है, यह बादी का

कुछ और डिजायन भी हैं, यह इल्मी,

यह लीजे चलती चीज नई, फिल्मी,

यह सोच-सोच कर मर जाने का गीत

यह दुकान से घर जाने का गीत

जी नहीं दिल्लगी की इस में क्या बात,

मैं लिखता ही तो रहता हूँ दिन-रात,

तो तरह-तरह के बन जाते हैं गीत,

जी रूठ-रुठ कर मन जाते है गीत,

जी बहुत ढेर लग गया हटाता हूँ,

गाहक की मर्जी, अच्छा, जाता हूँ,

मैं बिलकुल अंतिम और दिखाता हूँ,

या भीतर जा कर पूछ आइए, आप,

है गीत बेचना वैसे बिलकुल पाप

क्या करूँ मगर लाचार हार कर

गीत बेचता हूँ।

जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ,

मैं तरह-तरह के गीत बेचता हूँ,

मैं किसिम-किसिम के गीत बेचता हूँ




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Geet faros Ki Vyakhya on 12-05-2019

Bhawani Prasad Mishra

Suman on 12-05-2019

En dino ka duhara .........Geet bechara hu ki vyakhya

Geet farosh on 12-05-2019

Feet k anusar him kiski santan h






नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment