Dr. Rajendra Prasad Ke Vichar डॉ राजेंद्र प्रसाद के विचार

डॉ राजेंद्र प्रसाद के विचार



Pradeep Chawla on 21-10-2018

राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू अत्यंत सौम्य और गंभीर प्रकृति के व्यक्ति थे। सभी वर्ग और बाद के व्यक्ति उन्हें सम्मान देते थे। किसी के प्रति उनके हृदय में विराग नहीं था। वह विगत-दोष थे। प्रत्येक स्थिति में उनके अधरों पर खेलने वाली स्मित रेखा बनी रहती थी। सभी से प्रसन्न वदन होकर अंतर की निर्मल-भावना से ही मिलते थे। उनकी सरलता में अंदर रहने वाली ज्ञान-गरिमा भी छपी रहती थी। सहज कोई चर्चा छिड़ जाने पर ही किसी विषय की गहनता, मार्मिकता और तार्किकता प्रकट हो पाती थी।

चाहे इतिहास हो, साहित्य हो, संस्कृति हो, शिक्षा हो, राजनीति हो, भाषा शास्त्र हो, धर्म हो, वेदांत हो, वह जिस उच्चस्तर पर अपने विचार व्यक्त करते थे, उनकी महत्ता का भाव हो सकता है। स्वाभाविक सरलता के कारण वह अपने ज्ञान-वैभाव का प्रभाव प्रतिष्ठित नहीं करते थे।
गंभीर तो वह सदैव ही रहते आए हैं, परंतु राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित होकर उन्होंने और भी अपनी सीमा निर्धारित कर ली थी, वह विषपायी थे और गरल को कंठ से नीचे उतारकर वाणी में अमृत ही बनाए रखते थे और उसी का विस्तार करते थे। जब हमारा संविधान बन रहा था किसी सदस्य के अनुचित आरोप से संतप्त हो राष्ट्रपिता के समक्ष जाकर अध्यक्षता छोड़ने की इच्छा प्रकट की थी।
तब महात्माजी ने उनसे ही कहा था कि, 'अमृत पीने वाले तो बहुत हैं, पर मेरे पास अकेले राजेंद्र बाबू ही तो जहर पीने वाले हैं। वह जहर से घबरा जाएंगे तो कौन पीएगा।' बात बहुत सच है। राजेंद्र बाबू ने नीलकंठ की तरह अनेक बार सहज भाव से जहर हलाहल पीया है, और हजम किया है।
राष्ट्रपति रहते हुए अनेक बार मतभेदों के विषम प्रसंग आए। अंतर विक्षुब्ध हुआ, परंतु परिवार में भी वह कभी प्रकाश में नहीं आया। दो बार ऐसे प्रसंग आए हैं कि राजेंद्र बाबू अपने पद से विरक्त हो मुक्त बनने को आतुर हो गए थे। एक बार तो वह विनोबा भावे से यही परामर्श करने गए थे।





सम्बन्धित प्रश्न



Comments



नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment