मेथेन methane in hindi
मेथेन संतृप्त हाइड्रोकार्बन श्रेणी का प्रथम सदस्य है । इसकी खोज सन् 1778 में वोल्टा नाम के एक वौज्ञानिक ने की थी । मेथेन गैस तालाबों के रूके जल और दलदली स्थानों पर पायी जाती है यह दलदल भरे स्थानों में वनस्पतियों और अन्य जीवधारीयों के क्षय के कारण बुलबुलों के रूप में उत्पन्न होती है । इसलिए इनको मार्श गैस भी कहा जाता है । मेथेन गैस कोयले की खान की दरारों , ज्वालामुखी विस्फोट आदि में , से भी निकलती है । पेट्रोलियम से निकलने वाली प्राकृतिक गैस में लगभग ( 90%) मेथेन गैस उपस्थित होती है ।
मेथेन बनाने की विधि : (1) एलुमिनियम कार्बाइड जल अपघटन से मेथेन का निर्माण - एलुमिनियम कार्बाइड को जल के साथ गर्म करने पर मेथेन प्राप्त होती है । △ Al4C3 + 12H2O ---> 3CH4 + 4Al(OH)3 ↓
इसी प्रकार Al4C3 पर तनु HCl की अभिक्रिया द्वारा भी मेथेन प्राप्त होती है ।
Al4C3 + 12HCl ----> 3CH4 + 4AlCl3
विधि (Method) :- (1) सबसे पहले एक कोनिकल फ्लास्क लेते है । (2) उसमे थोडा रेत भर देते है । (3) अब कुछ टुकडे एलुमिनियम कार्बाइड के लेते हैं और उनको रेत के ऊपर रख देते हैं । (4) अब कोनिकल फलास्क में पृथक्कारी फनल तथा निकास नली लगा देते हैं । (5) अब पृथक्कारी फनल में तनु HCl को बूँद - बूँद करके डालते हैं । इस प्रकार मेथेन गैस प्राप्त होती है , जिसको एक जल के ऊपर रखे उल्टे गैस जार में एकत्रित कर लिया जाता है । इस विधि से प्राप्त मेथेम नें हाइड्रोजन की अशुद्धि होती है ।
(2) कार्बन व हाइड्रोजन के संश्लेषण से मेथेन का निर्माण :- कार्बन और हाइड्रोजन की उच्च ताप पर अभिक्रिया कराने पर यह संयोग करके मेथेन बनाते हैं । 1200°C C + 2H2 ----------> CH4
(3) साबातिए -सेन्डेरेंस संश्लेषण द्वारा :- कार्बन मोनॉक्लाइड को हाइड्रोदन के साथ निकिल उत्प्रेरक (Ni - Catalyst) की उपस्थिति में 300°C ताप पर ग्रम कराने पर मेथेन प्राप्त होती है । Ni,300°C CO + 3H2 ------------> CH4 + H20
मेथेन के भौतिक गुण : (1) यह एक रंगहीन , स्वादहीन , गन्धहीन गैस होती है । (2) यह कार्बनिक विलायकों में विलय होती हैं तथा जल में अविलय होती हैं । (3) मेथेन वायु से हल्की होती है । (4) मेथेन का क्वथनांक -161.5°C तथा हिमांक -182°C होता है । (5) इसका घनत्व 20°C ताप पर 0.71 ग्राम/लीटर होता है ।
मेथेन के रासायनिक गुण : (1) दहन (Combustion) :- मेथेन को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर कार्बन डाइ ऑक्साइड व जल वाष्प प्राप्त होती है । CH4 + 2O2 ----> CO2 + 2H2O + 212.8 kcal
(2) ऑक्सीकरण (oxidation) :- मेथेन को वायु की कम मात्रा के साथ गर्म करने पर कार्बन मोनॉक्साइड प्राप्त होती है । △ 2CH4 + 3O2 -----> 2CO + 4H2O
(3) हैलोजनीकरण (Halogenation) :- मेथेन की अभिक्रिया क्लोरीन के साथ सुर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कराने पर मेथिल क्लोराइड प्राप्त होता हैं । hv CH4 + Cl2 -----> CH3Cl + HCl
(4) ताप अपघटन :- मेथेन को वायु की अनुपस्थिति में 1000°C ताप पर कराने पर कार्बन तथा हाइड्रोजन प्राप्त होते हैं । 1000°C CH4 ----------> C + 2H2
मेथेन के उपयोग : (1) घरेलु ईंधन के रूप में मेथेन का उपयोग किया जाता है । (2) मेथेन से प्राप्त कार्बन ब्लैक का उपयोग टायर , छपाई उद्योग और पेन्ट आदि में किया जाता है । (3) मेथेन का उपयोग क्लोराइड , ब्रोमाइड , क्लोरोफॉर्म आदि बनाने में किया जाता है ।
Methane gas kha kha milte hai