Kishoravastha Me Sharirik Vikash किशोरावस्था में शारीरिक विकास

किशोरावस्था में शारीरिक विकास



GkExams on 27-12-2022


शरीरिक विकास क्या है : अन्य प्राणियों की अपेक्षा, मनुष्य के शरीरिक विकास की गति (child development rules in hindi) धीमी होती है। शैशवावस्था में शारीरिक वृद्धि एवं परिवर्तन तीव्रतम गति से होता है।


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इसके अलावा बाल्यावस्था में यह गति धीमी हो जाती है पुन: किशोरावस्था में विकास तीव्रतम गति से होता है शैशवावस्था एवं बाल्यावस्था में शारीरिक विकास ‘सिर से पैर की ओर’ एवं ‘निकट से दूर की ओर’ के नियमनुसार होता है शारीरिक अनुपात में परिवर्तन एवं मांसपेशिया वसा आगे चलकर किशोरावस्था के दौरान एथलेटिक्स कौशल के विकास में सहायक होते हैं।

शारीरिक विकास के चार प्रमुख चरण इस प्रकार है...


प्रथम चरण :


जन्म से 4 माह की आयु तक जो विभीन्न प्रकार के शरीरिक विकास एवं परिवर्तनों को व्यक्त करता है।


द्वितीय चरण :


इस चरण में 4 से 8 माह की अवधि में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों, जिसमें लम्बाई और भार का बढ़ना शामिल है तथा शिशु के दो दांत भी आ जाते हैं।


तृतीय चरण :


इस चरण में (8 से 12 माह की आयु) में होने वाले परिवर्तनों में मुख्य रूप से लड़के, लड़कियों के भार में अंतर पाया जाता है।


चतुर्थ चरण :


इस चरण में (12 से 18 माह की आयु) में होने वाले परिवर्तनों में भार एवं लम्बाई में सार्थक वृद्धि पायी जाती है। जिससे बच्चों में चलने की क्षमता, सीढ़ी चढ़ना, पैर उछलना एवं दो शब्दों वाले वाक्यों को बोलने की क्षमता विकसित हो जाती है।


किशोरावस्था के बारें में (Adolescence In Hindi) :




किशोरावस्था जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण समय है। बता दे की यह अवस्था 13 से 18 वर्ष तक मानी जाती है। इस अवस्था को दो भागों में बांटा गया है। पहली 13 से 15 वर्ष की अवस्था को पूर्व किशोरावस्था तथा 15 से 18 वर्ष की अवस्था को उत्तर किशोरावस्था (adolescence problems) कहते हैं।


किशोरावस्था की विशेषताएँ :




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा किशोरावस्था की विशेषताओं (adolescence stage) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • इस अवस्था में शारीरिक विकास बड़ी तेजी से होता है।
  • इस अवस्था तक इन्सान में आत्मसम्मान की भावना का पर्याप्त विकास हो जाता है।
  • इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियों की रुचि में समानता भी होती है और विषमता भी होती है।
  • इस अवस्था में विषमलिंगीय प्रेम को भावना उत्पन्न होती है।
  • इस अवस्था में मस्तिष्क का लगभग सभी दिशाओं में परिवर्तन तीव्रता से होता है।



  • किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक :




    यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारकों (characteristics of adolescence) के बारें में अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • शारीरिक बनावट और स्वास्थ्य
  • संवर्द्धन अभिप्रेरक
  • हीनता का भावना
  • साथी समूह
  • संवेगात्मक विकास
  • पड़ोस और विद्यालय




  • सम्बन्धित प्रश्न



    Comments Asha Kumari on 16-07-2021

    बचपन के कौन कौन से कारक प्रभावित करते हैं





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