Afeem Banane Ka Tarika अफीम बनाने का तरीका

अफीम बनाने का तरीका



Pradeep Chawla on 12-05-2019

औषधी अथवा आयुर्वेदिक दवा :- औषधियों का प्रयोग मनुष्य का रोग दूर करने के लिए किया जाता है | क्योंकिऔषधी एक ऐसा पदार्थ है जिसका उपयोग करने से मनुष्य के शरीर में एक निश्चित प्रकारका असर दिखता है | किसी भी आयुर्वेदिक पदार्थ को औषधी के रूप में प्रयोग करने केलिए उस पदार्थ की गुण, मात्रा का आदि की जानकारी बहुत ज्यादा जरूरी होती है | इसकीजानकारी हमे किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिल सकती है | पुराने समय में औषधीय पेड़ –पौधों से जिव – जन्तुओं से प्राप्त की जाती थीं | लेकिन आज के समय में नए – नए तत्वोंकी खोज होने से हमे उनसे कई नई औषधीयां प्राप्त हुई है | सर्पगंधा , तुलसी और नीमकुछ ऐसे ही पौधे है जिनके किसी भी भाग को दवाईयों के रूप में प्रयोग किया जाता है| तो आज हम अफीम के गुणों के बारे में और उसकी खेती किस प्रकार की जाती है, इस बातकी जानकारी हम आपको दे रहे है|

· अफीम के गुण :- अफीमहमे पोस्त के पौधे से प्राप्त होती है | इसका रंग काला होता है और स्वाद कड़वा होताहै | बाजार में अफीम घनाकार बर्फी के रूप में मिलती है | कई लोग इसे नशे के रूपमें प्रयोग करते है | लेकिन यह एक आयुर्वेदिक औषधी है | जिससे हम कई रोगों का इलाजकर सकता है | जैसे :- कमर दर्द , सिर दर्द , अतिसार ,यानि दस्त , गर्भ अवस्था मेंज्यादा खून निकलना कान का दर्द , उल्टी आदि कई बीमारियों अफीम के द्वारा ठीक कियाजाता है | इसके फायदे के बारे में जानकारी देने के बाद हम इसकी खेती के बारे वर्णन करते है |
अफीम की खेती के बारे में विशेष जानकारी

· अफीम की खेती :- जैसाकी हम जानते है की अफीम हमे पोस्त के पौधे से प्राप्त होता है | पोस्त फूल देनेवाला एक पौधा होता है | इसे भूमध्य सागरीय क्षेत्र में उगाया जाता है | यह उसस्थान का देशज पौधा माना जाता है | लेकिन कुछ सालों में इसका विकास निम्नलिखित देशों में हुआ है भारत ,चीन , एशिया माईनर तुर्की आदि | पोस्त की खेती करने के लिए और व्यापार करने के लिएसरकार से अनुमति लेनी पड़ती है | इसके पौधे से हमे अफीम की प्राप्ति होती है जो एकनशीला पदार्थ है | इसे अलग – अलग स्थान पर अलग – अलग नामों से जाना जाता है | जैसे:-
1. हिंदी :- अफीम , पोस्त , अफीम का डोडा
2. संस्क्रत :- अहिफेन
3. गुजराती :- अफीण
4. मराठी में :- आफु,आफिमु
5. फारसी :- तियाग
6. अंगेजी में :- पोपी
7. बंगाली :- आफिम
आदि नामों से अफीमकी पहचान होती है | भारत में इसकी खेतीउत्तर प्रदेश , मध्यप्रदेश और राजस्थान में की जाती है | अफीम की तासीर बहुत गर्महोती है | इसका अधिक सेवन करने से व्यक्ति का रंग सावंला हो जाता है |

· अफीम की खेती करनेके लिए उपयुक्त जलवायु :- यह समशीतोष्णजलवायु का पौधा है | इसकी खेती के लिए लगभग 20 से 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान कीआवश्यकता होती है |

· अफीम की खेती के लिएभूमि का चुनाव :- अफीम को हर तरह की भूमि में उगाया जासकता है | जिस भूमि में पानी का निकास उचित प्रकार से होता है वह मृदा इसकी खेतीके लिए अच्छी होती है | इसके अलावा गहरी काली मिटटी जिसमे जिवांश पदार्थ की भरपूरमात्रा होती है उस मिटटी में अफीम की सफलतापूर्वक खेती की जाती है | जंहा पर लगभग4 से 6 सालों तक अफीम की खेती नहीं की जा रही हो उस स्थान पर अफीम की अच्छी फसलप्राप्त होती है | यदि खेत की भूमि का पी. एच, मान 6 से 7 हो तो बेहतर होता है |

· अफीम की खेती करनेसे पहले खेत की तैयारी :- किसी भी फसल कोबोने के लिए सबसे पहले खेत की तैयारी की जाती है | जिसके लिए खेत की दो बार आड़ी औरदो बार खड़ी जुताई करें | जुताई करने के बाद खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद को एकसमान मात्रा में मिला दें | खाद मिलाने के बाद खेत को मिटटी पलटने वाले हल सेजोतें और बाद में पाटा अवश्य चलायें | पाटा चलाने के बाद खेत की मिटटी को भुरभूराऔर समतल बना लें |

· क्यारिओं का निर्माण:- अफीम केबीज बहुत छोटे होते है | इसलिए खेत को तैयार करने के बाद 3 मीटर लम्बी और एक मीटरचौड़ी आकार की क्यारियां बना लें |
· अफीम के बीज की दर:- अफीम के बीज की दर उसकी बुआई पर निर्भर करती हैयदि इसके बीजों को क्यारियों में बोना है तो एक हेक्टेयर भूमि पर कम से कम 5 या 6किलोग्राम बीज की मात्रा पर्याप्त होती है और यदि अफीम की फकुआ बुआई करनी है तो 7से 8 किलोग्राम बीज की मात्रा काफी होती है |
· विशेष बात :- अफीम के बीजों को बोने से पहले उपचरित करना बहुत आवश्यक होता है | एककिलोग्राम बीज को लगभग 10 ग्राम नीम के तेल से उपचारित करना चाहिए | केवल उपचारितबीजों का ही उपयोग करें |

· बुआई का तरीका :- अफीम के बीजों को क्यारियों में 0. 5 से 1 सेंटीमीटर की गहराई मेंबोयें | इसकों बोने के लिए दुरी का ध्यान रखे | एक कतार से दुसरे कतार की दुरीलगभग 30 सेंटीमीटर की होनी चाहिए | और एक पौधे से दुसरे पौधे की बीच की दुरी 0. 9सेंटीमीटर की होनी चाहिए |
Afim ki Kheti ke Bare Mein Vishesh Jankari

बुआई का समय :- अफीम के बीजों को अक्टूबर के आखिर सप्ताह से नवम्बर केदुसरे सप्ताह तक बुआई करें |

· अफीम की मुख्यकिस्मों का नाम निम्नलिखित है :-
1. जवाहर अफीम – 16
2. जवाहर अफीम 539
3. जवाहर अफीम :- 540 आदि किस्मों को उगाया जाता है |

· सिंचाई करने कातरीका :- अफीम के बीजों को बोने के तुरंत बाद सिंचाईकरें | बीजों का अंकुरण अच्छा हो इसके लिए 7 से 10 दिन के अंतर पर सिंचाई करें | मिटटीऔर मौसम के अनुसार खेत में एक महीने में दो बार सिंचाई करें | जब अफीम के पौधे मेंकली – पुष्प , डोडा और चीरा लगे तो 3 या 7 दिन पहले सिंचाई करना बहुत आवश्यक है |
· निराई – गुड़ाई औरछटाई :- जब अफीम की फसल को 25 से 30 दिन हो जाते है तोपहली बार निराई – गुड़ाई और छटाई करनी चाहिए | दूसरी बार जब फसल को 30 से 40 दिन होजाते है तो कई पौधों में रोग का प्रकोप हो जाता है और कुछ अन्य अविकसित पौधे नीकलजाते है | जिसे दूर करने के लिए निराई – गुड़ाई करनी चाहिए | एक हेक्टेयर भूमि पर 3से 4 लाख पौधे की संख्या रखे | जिसमे में कोई भी पौधा रोगी नहीं होना चाहिए | इसकेसाथ ही साथ आखिरी छटाई 50 – 50 दिन के अन्तराल पर करें | अफीम के एक पौधे से दुसरेपौधे के बीच की दुरी कम से कम 8 से 10 सेंटीमीटर की रखे |




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Ajay Kumar on 20-12-2023

Sukhe afeem ke dhudh me kya milate hai jis se uska wait double ho jaye..

Bitu on 29-11-2023

Afim ko kase pkate ha utarne ke bad

Divijay on 07-11-2023

Kisko chiye nakli


Virat Banna on 13-10-2023

1kg afim mai Kya milaya jata hai jisase uska bhaar 2kg ho jata hai

Shripal on 10-10-2023

Afeem kitni ja ma karnee panegee 10ari par

मनोहर on 10-09-2023

नकली अफीम किस पदार्थ से तैयार करते हैं

Jivan on 05-08-2023

Nakli afim kese banti he


Manoharsingh on 05-06-2023

AAFIM PAKANE KA KYA TARIKA HAI.



Goldy on 01-02-2020

Chira lgane ke bad dhoodh kitne din bad dode se utar na chahiye

Deepi on 10-02-2020

Afeem ko liquid se hard kaise kre

Goutam on 11-02-2020

Kese 1 se 2 kare

virender on 01-06-2020

dheeraj suthar muje aapse content krna he


Amity on 25-06-2020

Bhai ko dilwa do sasti

Dheeraj call karo on 27-07-2020

8765732480

Nkli afim kaise bnti h on 28-10-2020

Nkli afim kaise bnti h

Abhi on 13-03-2021

Afeem ko liquid se thoda hard kaise kre

Dheeraj suthar on 05-06-2021

Me karta hu aphim ki kheti

S.k.mishra on 12-11-2021

चार-पांच gram ismein chahie mujhe


manish on 13-11-2021

दुध बडाने के लिए कया करे

Sohail Walia on 20-02-2022

Afeem dodde se utarne ke baad kese tyar hoti or kaise dikhti hai

Vinod malik on 27-02-2022

Isko 1 kg se 2 kg kaise kre

जयमोहन रावत on 03-07-2022

क्या हम भी अफिम कि खेती कर सकते हैं
हम उत्तराखंड के उत्तरकाशी से हैं

Hr godara on 26-07-2022

9001809912

Ravi Kumar on 04-08-2022

Apni.kese.pi.jati.hai

Karan singh on 11-11-2022

Mujhe afeem chahiya 500kg whtzapp9855210094 jo bchna chahta mujhe do m khata hi afeem

sunny on 18-01-2023

muje bando ki jarort he samana lejan or lana samana k hesab se pasei ek lak ka lao ge to 30000 hajar du ga samana k hisab se pasei ager khe pakde gye to chutana mera kam h 18 bando ki jarort h no 9991133729



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