1857 Kranti Vastunisth Prashn Questionnaire 1857 क्रांति वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्नोत्तरी

1857 क्रांति वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्नोत्तरी



Pradeep Chawla on 23-10-2018


[1857 के विद्रोह के प्रमुख कारण थे-
1. ब्रिटिशों द्वारा देश का आर्थिक शोषण।
2. प्रशासन के निचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार।
3. लॉर्ड डलहौजी द्वारा अवध का विलय।
कूटः

केवल 1 और 2

B)

केवल 2 और 3

C)

केवल 1 और 3

D)

1, 2 और 3

Hide Answer -

उत्तर (d)
व्याख्याः

  • ब्रिटिश शासन के प्रति व्याप्त जन-असंतोष ने ही एक जन-विद्रोह का रूप ले लिया जिसकी परिणति 1857 की क्रांति के रूप में सामने आई। जन-असंतोष का संभवतः सबसे महत्त्वपूर्ण कारण अंग्रेज़ों द्वारा देश का आर्थिक शोषण तथा देश के परंपरागत आर्थिक ढांचे का विनाश था। जिसने बड़ी संख्या में परंपरागत ज़मींदारों, किसानों, दस्तकारों तथा हस्त-शिल्पयों को निर्धनता के मुँह में झोंक दिया।
  • निचले स्तर पर प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार ने साधारण जनता को बुरी तरह प्रभावित किया। विद्रोह के कारणों की चर्चा करते हुए 1859 में एक ब्रिटिश अधिकारी विलियम एडवर्ड ने लिखा कि ‘पुलिस को जनता कोढ़ के समान समझती थी’।
  • लॉर्ड डलहौजी ने 1856 में अवध को ब्रिटिश शासन में मिला लिया। पूरे भारत में तथा खासतौर पर अवध में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई। विशेष रूप से, इसके कारण अवध में और कंपनी की सेना में विद्रोह का वातावरण बन गया।
[1857 की क्रांति में किन समूहों की भागीदारी रही?
1. किसान
2. ज़मींदार
3. धर्मोपदेशक, पंडित और मौलवी
4. हस्त-शिल्पी
कूटः

केवल 1 और 2

B)

केवल 1, 3 और 4

C)

केवल 1, 2 और 4

D)

उपरोक्त सभी।

Hide Answer -

उत्तर (d)
व्याख्याः

  • 1857 की क्रांति में लाखों-लाख किसान, दस्तकार तथा सिपाही एक साल से अधिक समय तक बहादुरी से लड़े। अंग्रेज़ों द्वारा अपनाई गई आर्थिक नीति ने बहुत बड़ी संख्या में किसानों, दस्तकारों, हस्त-शिल्पियों और साथ ही बड़ी संख्या में परंपरागत ज़मींदारों तथा मुखिया लोगों को निर्धनता के मुँह में झोंक दिया।
  • भारत में अंग्रेज़ों का अधिकार जमने से जो लोग सांस्कृतिक गतिविधियों के ज़रिये जीविका कमाते थे, वे भी बर्बाद हो गए। भारतीय शासक कला और साहित्य के संरक्षक थे और विद्वानों, धर्मगुरुओं तथा फकीरों आदि की सहायता करते थे। जब देशी शासकों पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया, तब जो लोग इन पर निर्भर थे गरीबी के चंगुल में जा फँसे। धर्मोपदेशक, पंडितों और मौलवियों ने, जो यह महसूस कर रहे थे कि उनका पूरा भविष्य खतरे में है, विदेशी शासन के प्रति घृणा पैदा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
[1857 में भारत का गवर्नर जनरल कौन था?

लॉर्ड डलहौजी

B)

लॉर्ड कैनिंग

C)

लॉर्ड विलियम बैंटिक

D)

लॉर्ड कॉर्नवॉलिस

Hide Answer -

उत्तर (b)
व्याख्याः
1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल लॉर्ड कैनिंग था।

[1857 की क्रांति के धार्मिक कारणों के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये:
1. ईसाई मिशनरियों द्वारा हिंदू तथा इस्लाम धर्म पर तीखा प्रहार करना।
2. मंदिर और मस्जिदों की ज़मीनों पर कर लगाना।
3. ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय समाज सुधारकों की सलाह पर सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध कानून बनाना।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1 और 2

B)

केवल 2 और 3

C)

केवल 3

D)

उपरोक्त सभी।

Hide Answer -

उत्तर (d)
व्याख्याः

  • 1857 में ब्रिटिश शासन के विरोध में जनता के खड़े होने का एक प्रमुख कारण लोगों की यह धारणा थी कि इस शासन के कारण उनका धर्म खतरे में है। इस भय का कारण था ईसाई मिशनरियों द्वारा भारतीय लोगों को ईसाई बनाने का प्रयास करना तथा ये लोग हिंदू धर्म और इस्लाम पर सार्वजनिक रूप से तीखा और भोंडा प्रहार करते थे।
  • पहले के भारतीय शासकों ने मंदिर और मस्जिद से जुड़ी ज़मीन को, उनके पुजारियों या सेवा-संस्थाओं को कर से मुक्त रखा था। अब इनसे कर वसूलने की सरकारी नीति से भी लोगों की धार्मिक भावनाओं को चोट लगी।
  • अनेक लोगों की रूढ़िवादी धार्मिक और सामाजिक भावनाएँ उन मानवतावादी उपायों के कारण भड़की जो सरकार ने भारतीय समाज सुधारकों की सलाह पर किये। सती-प्रथा का उन्मूलन विधवा-पुनर्विवाह संबंधी कानून तथा लड़कियो के लिये पश्चिमी शिक्षा की व्यवस्था इन लोगों को ऐसे ही अनधिकृत हस्तक्षेप की तरह लगे।
[1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण था-

धार्मिक

B)

आर्थिक

C)

राजनीतिक

D)

सामाजिक

Hide Answer -

उत्तर (a)
व्याख्याः
1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण धार्मिक था। नई एनफील्ड राइफल का उपयोग सबसे पहले सेना में ही आरंभ किया गया। इसकी कारतूसों पर चर्बी सने कागज़ का खोल चढ़ा होता था और कारतूस को राइफल में भरने से पहले उसके सिरों को दाँतों से काटना पड़ता था। कुछ उदाहरणों में इस खोल में गाय और सुअर की चर्बी का प्रयोग किया गया था। इससे हिंदू तथा मुसलमान सिपाही दोनों भड़क उठे।

[1857 के विद्रोह का आरंभ कहाँ से हुआ था?

लखनऊ

B)

झाँसी

C)

नागपुर

D)

मेरठ

Hide Answer -

उत्तर (d)
व्याख्याः
विद्रोह का आरंभ 10 मई 1857 को दिल्ली से 36 मील दूर मेरठ में हुआ। फिर यह तेज़ी से बढ़ता हुआ पूरे उत्तर भारत में फैल गया। जल्द ही उत्तर में पंजाब से लेकर दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान तक एक विस्तृत भू-भाग इसकी चपेट में आ गया।

[निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. मंगल पांडे ने ग्वालियर विद्रोह किया था।
2. 1857 के विद्रोहियों ने बहादुर शाह जफ़र को भारत का बादशाह घोषित किया।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1

B)

केवल 2

C)

1 और 2 दोनों

D)

न तो 1 और न ही 2

Show Answer + [दिल्ली में प्रतीक रूप में विद्रोहियों के नेता बादशाह बहादुर शाह थे, परंतु वास्तविक नियंत्रण एक सैनिक समिति के हाथों में था। इस समिति का प्रमुख कौन था?

जनरल बख्त खाँ

B)

मौलवी अहमद उल्लाह

C)

मनी राम दीवान

D)

तात्या टोपे

Hide Answer -

उत्तर (a)
व्याख्याः
दिल्ली, 1857 के विद्रोह का केन्द्र थी। दिल्ली में प्रतीक रूप में कहने को विद्रोह के नेता बादशाह बहादुरशाह थे, परंतु वास्तविक नियंत्रण एक सैनिक समिति के हाथों में था क्योंकि बहादुर शाह बूढ़ा और एक शक्तिहीन शासक था। इस समिति के प्रमुख जनरल बख्त खाँ थे। इन्होंने बरेली के सैनिकों का नेतृत्व किया था तथा उनको दिल्ली ले आए थे। ब्रिटिश सेना में वे तोपखाने के एक मामूली सूबेदार थे।

[सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजियेः

सूची-I
(क्रांतिकारियों के नाम)

सूची-II
(स्थान)
A. नाना साहब1. बिहार
B. बेगम हज़रतमहल2. झाँसी
C. महारानी लक्ष्मीबाई3. लखनऊ
D. कुंवर सिंह4. कानपुर

कूटः
A B C D

1234

B)

4321

C)

1342

D)

1324

Hide Answer -

उत्तर (b)
व्याख्याः

  • कानपुर में विद्रोहियों के नेता नाना साहब थे,जो अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र थे। सिपाहियों की सहायता से अंग्रेज़ों को कानपुर से खदेड़कर नाना साहब ने स्वयं को पेशवा घोषित कर दिया।
  • लखनऊ में विद्रोह का नेतृत्व अवध की बेगम हज़रत महल कर रही थीं। उन्होंने अपने नाबालिग बेटे बिरजीश कद्र को अवध का नवाब घोषित कर दिया। लखनऊ के सिपाहियों तथा अवध के किसानों और जमींदारों की सहायता से बेगम ने अंग्रेज़ों के खिलाफ चौतरफा युद्ध छेड़ दिया।
  • 857 के विद्रोह के महान नेताओं में भारतीय इतिहास की महानतम वीरांगनाओं में से एक थीं- झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई। झाँसी की गद्दी के उत्तराधिकार के मसले पर रानी विद्रोहियों से आ मिलीं।
  • बिहार में विद्रोह के प्रमुख नेता कुंवर सिंह थे, जो आरा के पास जगदीशपुर के एक तबाह और असंतुष्ट ज़मींदार थे।
[1857 के विद्रोह के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?

तात्या टोपे, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की तरफ से अंग्रेज़ों से लड़े।

B)

विद्रोहियों ने अंग्रेज़ों के खिलाफ चर्बी वाले कारतूस का प्रयोग किया था।

C)

मद्रास, बंबई, बंगाल तथा पश्चिमी पंजाब विद्रोह से अप्रभावित रहे।

D)

बंगाल के ज़मींदार विद्रोह के समय अंग्रेज़ों के वफादार बने रहे।

Hide Answer -

उत्तर (a)
व्याख्याः
पहला कथन असत्य है। कानपुर में विद्रोहियों के नेता नाना साहब की ओर से लड़ने का भार मुख्यतः उनके विश्वसनीय सेवक तात्या टोपे के सिपाहियों पर था। अपनी देशभक्ति, शौर्यमय युद्ध तथा कुशल छापामार कार्यवाहियों के कारण तात्या टोपे का नाम इतिहास में अमर है।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments



नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment