Kapil Muni Mandir Kolayat Rajasthan
यहां कपिल मुनि ने की थी तपस्या
बीकानेर से करीब करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित श्री कोलायतजी हिन्दू और सिक्खों की श्रद्धा और भक्ति का केन्द्र है। इस स्थान पर कपिल मुनि ने तपस्या की थी। महर्षि कपिल महर्षि कर्दम के पुत्र थे। उन्होंने अपनी माता देवहूति को लौकिकता व अलौकिकता, भक्ति योग, अष्टांग योग का उपदेश दिया तथा सांख्य दर्शन की संरचना की। कपिल मुनि को भगवान विष्णु का अवतार मानकर पूजा जाता है।
कहा जाता है कि उन्होंने श्रीकोलायत में पीपल के एक पेड़ के नीचे शरीर समर्पित किया था। यहां स्थित सरोवर के आसपास पीपल के काफी पेड़ है। सरोवर पर पुष्कर की तरह घाट बने हुए है। इस स्थान की मान्यता तीर्थ स्थल के रूप में है। सरोवर के पास ही महर्षि कपिल देव का निज मंदिर है। इसमें काले संगमरमर की गरूड़ व वशिष्ठजी की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित हैं। पंच मंदिर और गंगा मैया मंदिर भी देखने लायक है। दूसरी तरफ सिक्खों के लिए भी यह केन्द्र आस्था का केन्द्र है। यहां गुरुनानक देवजी ने यात्रा की थी। यहां बड़ा गुरुद्वारा भी है।
प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को यहां मेला आयोजित होता है। इस मेले के दौरान शाम को सरोवर में दीपदान होता है। इसके अतिरिक्त कई खास मौकों पर भी यहां लोग डुबकी लगाने पहुंचते है। गुरुनानक जयंती पर्व होने के कारण इस दिन सिख भी बड़ी संख्या में यहां आते है।
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