Mugal Samrajy Ke Patan Ke Pramukh Karan ? मुगल साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारण ?

मुगल साम्राज्य के पतन के प्रमुख कारण ?



GkExams on 21-03-2023


मुग़ल साम्राज्य के बारें में : मुग़ल साम्राज्य (फ़ारसी: مغل سلطنت ھند‎, मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ था।

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मुगल साम्राज्य का पतन :




इस लेख के जरिये हम आपको मुगल साम्राज्य के पतन (The Decline of Mughal Empire in Hindi) के कारणों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


कमजोर उत्तराधिकारी :




मुग़ल साम्राज्य एकतंत्र शासन-प्रणाली पर आधारित था. शासक के व्यक्तित्व और चरित्र के अनुसार साम्राज्य का विकास अथवा ह्रास होता था। योग्य, अनुभवी और दूरदर्शी सम्राटों के युग में मुग़ल साम्राज्य का विकास अकबर से लेकर औरंगजेब तक हुआ। इन शासकों के प्रयत्न के फलस्वरूप मुग़ल साम्राज्य का विस्तार हुआ और साम्राज्य की सुरक्षा एवं प्रतिष्ठा पर कोई आँच नहीं आई। औरंगजेब की मृत्यु के बाद बहादुरशाह प्रथम से लेकर बहादुरशाह द्वितीय तक सभी मुग़ल शासक नामधारी शासक रह गये थे। उनमें योग्यता, दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदर्शिता का अभाव था।


बहादुरशाह प्रथम बुढ़ापे की अवस्था में गद्दी पर बैठा था। उसमें सफल शासक के सभी गुणों का अभाव था। वह अपने पुत्रों को अविश्वास की दृष्टि से देखता था। व्यावहारिक ज्ञान, कूटनीति और युद्ध-कला की शिक्षा देने के बदले मुग़ल शाहजादा शाही दरबार में रहकर राग-रंग में लिप्त रहते थे। यही कारण था कि औरंगजेब के बाद मुग़ल वंश में कोई योग्य शासक नहीं हुआ जो विघटनकारी तत्त्वों पर नियंत्रण रखकर मुग़ल साम्राज्य को पतन से बचा सकता था।


अमीरों की दलबंदी :




मुगल शासकों के द्वारा सरदारों की व्यवस्था संगठित की गई थी। योग्यता के आधार पर सरदारों की नियुक्ति होती थी। सरदार देश के अन्दर के भी थे और कुछ विदेशी भी थे। मुग़ल साम्राज्य के निर्माण, विस्तार और प्रशासनिक संगठन को सुदृढ़ एवं व्यापक बनाने में सरदार वर्ग की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण थी। प्रारम्भ में सरदार मुग़ल सम्राटों के प्रति भक्ति का भाव रखते थे और उनपर सम्राट का पूर्ण नियंत्रण रहता था।


मुग़ल दरबार में दलबंदी जहाँगीर के शासनकाल से प्रारम्भ हुई। उस समय दलबंदी के परिणामस्वरूप मुगलों के हाथ से कांधार निकल गया। शाहजहाँ और औरंगजेब के शासनकाल में भी अमीरों के बीच परस्पर ईर्ष्या और फूट के भाव थे जो युद्ध-भूमि में कभी-कभी स्पष्ट हो जाते थे।


शान्ति और सुरक्षा का अभाव :




मुग़ल साम्राज्य के पतन का एक कारण शांति और सुरक्षा का अभाव था। मुग़ल साम्राज्य की स्थापना सैनिक शक्ति के बल पर हुई थी। बाबर और हुमायूँ को भारतीय जनता विदेशी मानती थी। परन्तु अकबर ने राजपूतों के साथ वैवाहिक एवं मित्रता का सम्बन्ध काम कर आम लोगों के बीच...Read More




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Comments Ram Prasad Khatik on 14-07-2020

Mugal samrajjay ke Karan





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