IndraDhanush Ke Rang Ka Mahatva इंद्रधनुष के रंग का महत्व

इंद्रधनुष के रंग का महत्व



Pradeep Chawla on 12-05-2019

एक कहावत है कि दुनिया में जितने भी रंग हैं, वे सारे किसी न किसी रूप

में इंसान के शरीर में मौजूद हैं। रंग प्रकृति से साक्षात्कार कराते हैं।

इन्हें जीवन से अलग नहीं किया जा सकता। अध्यात्म में माना जाता है कि हर

रंग ऊर्जावान है। इंद्रधनुष के सातों रंग शरीर के भीतर मौजूद सात चक्रों से

जुड़े हैं। रंगों का संतुलन हमारे स्वास्थ्य और सोच को सही दिशा देता है।

इनका सही अनुपात जीवन के मधुर संगीत के लिए जरूरी है। रंग हमें जीवन-दर्शन

समझाते हैं और बताते हैं कि जीवन इंद्रधनुषी है। हर रंग में रंगना ही तो

जिंदगी है।



लाल रंग



पहला चक्र मूलाधार लाल रंग को दर्शाता है। यह काम ऊर्जा सहित सफलता, उत्साह, शक्ति, सौभाग्य एवं ताकत को दर्शाता है।



नारंगी रंग



दूसरा चक्र स्वाधिष्ठान खुशी, आशीर्वाद, सफलता और शालीनता को दर्शाता है। ये समस्त गुण नारंगी रंग से संतुलित होते हैं।



पीला रंग



यह रंग तीसरे महत्वपूर्ण चक्र मनिपुर पर आधारित है। यह इंसान की

रचनात्मक क्षमता, ज्ञान, बुद्धिमता, विद्या, आत्मविश्वास, डर, निराशा जैसे

गुण-दोषों को नियंत्रित करता है।



हरा रंग



चौथा और अत्यंत महत्वपूर्ण चक्र अनाहत शांति, विश्वास, दया, अकेलेपन और

ईष्र्या को दर्शाता है। हरा रंग इन मनोभावों में संतुलन स्थापित करता है।

यह रंग स्फूर्ति व समृद्धि का प्रतीक है। यह प्रकृति और अध्यात्म का रंग

है।



नीला रंग



पांचवां चक्र विशुद्ध संवाद की शक्ति, समझदारी, न्याय के अलावा धैर्य,

सम्मान, इच्छाशक्ति और नम्रता को दर्शाता है। इस चक्र को नीला रंग संतुलित

करता है। मनोविज्ञान के अनुसार नीला रंग बल, पौरुष व धीरता का प्रतीक है।

यह दृढ़ता, साहस, शौर्य के साथ ही गंभीरता को भी दर्शाता है।



जामुनी रंग



छठा चक्र आज्ञा अंतज्र्ञान के अलावा निडरता और वफादारी को दर्शाता है, जो जामुनी रंग की कमी या अधिकता पर निर्भर है।



बैगनी रंग



सातवां चक्र सहस्नार आध्यात्मिकता, ध्यान, विवेक, आत्मत्याग और मनुष्यता को दर्शाता है। ये गुण बैंगनी रंग के संतुलन से आते हैं।



रंग स्वास्थ्य से भी गहरे ढंग से जुड़े हैं। ये विभिन्न तरंग आयामों का

प्रकाश हैं और हर रंग की अपनी तरंगें और ठहराव है, जो हमारे शरीर के

विभिन्न ऊर्जा केंद्रों के साथ मिलकर एक अनुगूंज पैदा करते हैं।



रंग न सिर्फ आंखों को भाते हैं, बल्कि कलर थेरैपी के दौरान ये शरीर में

मैग्नेटिक फील्ड से भी समाहित होते हैं। कलर थेरैपी एक संपूर्ण चिकित्सा

प्रक्रिया है। सात चक्रों व सात रंगों का संतुलन और इससे जुड़ी ऊर्जा खुशहाल

जीवन जीने में हमारी मदद करती है। जरूरत है कि हम जागरूक बनें, रंगों में

छिपी ऊर्जा को पहचानें।



Comments Bablu nigam on 28-08-2023

इंद्रधनुष का महत्व बताइए

Mahesh on 10-10-2022

Indradhanush ke sath colour ko milane se konsa colour prapt hoga

Bablu nigam on 03-08-2021

इंद्रधनुष का महत्व


आलोक on 06-07-2021

न्यूटन डिस्क में हमें सफेद रंग क्यों दिखता हैं





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