राज्य के सभी जिला परिषद और पंचायत समिति के 12658 सदस्यों को भी अब नाली-गली योजना का काम कराने का अधिकार दे दिया गया है. पंचायती राज विभाग ने जिलाधिकारियों के निर्देश दिया है कि वह सरकार द्वारा आवंटित डिवोल्यूशन मद से ग्रामीण सड़क और नाली-गलियों का निर्माण करा सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में होनेवाले विकास की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत (मुखिया) से लेकर वार्ड विकास एवं क्रियान्वयन समिति को सौंप दिया गया है. इसके तहत पंचायतों में निर्मित होनेवाली पक्की नाली-गली का निर्माण वार्ड विकास एवं क्रियान्वयन समिति के अधिकार क्षेत्र में सौंप दिया गया है.
पंचायत समिति और जिला परिषद को अब इस योजना के निर्माण कराने का अधिकार मिल गया है. पंचायती राज मंत्री कपिल देव कामत ने बताया कि पंचायत समिति और जिला परिषद को सरकार द्वारा आवंटित डिवोल्यूशन फंड की राशि से पक्की नाली-गली के निर्माण का अधिकार दिया गया है.
पंचायत समिति के सदस्यों और जिला परिषद के सदस्यों को पांचवें राज्य वित्त आयोग की राशि के उपयोग का अधिकार दिया गया है. इसमें शर्त यह है कि ग्रामीण गली नाली के निर्माण का कार्य जो अन्य योजना से अच्छादित नहीं हो, उसका निर्माण दोनों स्तर के निर्वाचित प्रतिनिधियों के अनुशंसा पर कराया जायेगा. मुख्यमंत्री नाली-गली पक्कीकरण निश्चय योजना से चयनित कार्य को इसमें शामिल नहीं होगा. पंचायत समिति और जिला
परिषद के सदस्यों द्वारा इस तरह की योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा. जिला परिषद के लिए कार्यकारी एजेंसी जिला अभियंता और पंचायत समिति सदस्यों के लिए कार्यकारी एजेंसी प्रखंड विकास पदाधिकारी होंगे.
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि इसके अलावा पंचायत समिति सदस्यों को अपने मद की राशि से नये चापाकल लगाने और पुराने कुओं की मरम्मती कराने का अधिकार दिया गया है. पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्य वैसी योजनाओं का भी चयन कर सकते हैं जो अधूरी रह गयी हो. वह 12 वित्त आयोग और 13 वें वित्त आयोग की राशि से चयनित अधूरी योजनाओं को भी पूर्ण करा सकते हैं.
त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों को 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा से मिलनेवाली राशि सिर्फ ग्राम पंचायतों को दी जा रही है. 14 वें वित्त आयोग ने तीन स्तरीय ग्राम पंचायतों में पंचायत समिति (प्रखंड स्तर) और जिला परिषद (जिला स्तर) को राशि नहीं देने की अनुशंसा की है.
इस आधार पर केंद्र से मिलनेवाली राशि सीधे ग्राम पंचायतों के पास चली जा रही है. पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्यों को अब सिर्फ पांचवें राज्य वित्त आयोग से राशि दी जा रही है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के तहत पंचायत समितियों को 98.05 करोड़ और जिला परिषदों को 254.73 करोड़ आवंटित किया गया है.
यह राशि दो प्रकार के मानकों से निर्धारित होती है जो राज्य के स्थानीय निकायों को आवंटित की जाती है. पहली प्रत्येक वित्तीय वर्ष में पिछले वित्तीय वर्ष के राज्य के कुल व्यय (वास्तविकी) का 2.75 प्रतिशत स्थानीय निकायों को डिवोल्यूशन और ग्रांट के रूप में दी जाती है.
दूसरा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में डिवोल्यूशन के रूप में पिछले वित्तीय वर्ष के राज्य के अपने शुद्ध कर राजस्व का 8.5 प्रतिशत राशि स्थानीय निकायों के बीच दी जाती है. इस राशि का पंचायती राज और स्थानीय शहरी निकायों के बीच 70:30 में वितरित किया जाता है.
विनोबा के हनुमान जैसे थे सियाराम सिंह : रीता जोशी
पटना : यूपी सरकार की महिला बाल विकास और पर्यटन मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने स्वतंत्रता सेनानी सियाराम सिंह को इतिहास पुरुष बताया. उन्होंने कहा है कि ये विनोबा भावे के लिए हनुमान जैसे थे. जय प्रकाश नारायण के बहुत प्रिय और 1857 की क्रांतिदूत बिहार के दूसरे वीर कुंवर सिंह थे. वे शुक्रवार को सियाराम सिंह की 42वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को आज की पीढ़ी को नहीं भूलना चाहिए.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये स्वामी हरिनारायणानन्द ने कहा कि मूल्यहीन राजनीति और विवेकहीन प्रशासन लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है. वहीं डॉ जोशी ने बिहार सरकार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के साथ ललित भवन के पास मौजूद 'अपना घर' का निरीक्षण किया. उन्होंने वहां के व्यवस्था की सराहना की. साथ ही मंजू वर्मा को यूपी के दौरे पर आमंत्रित किया. इस दौरान उनके साथ समाज कल्याण विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे.
Kya Panchayat samiti sadasya yojna se kab aur kaha kuchch Janta Kam krega Bihar sarkar ne to p.s.s Ko nikama Bana kat rakh diya hai 2018 me suruhoga Janta ka p.s.s.ke taraf kya Aasha Rakhi l