केरल एक ऐसा राज्य है जहां देश में सबसे पहले ईसाई धर्म और बाद में मुस्लिम धर्म ने दस्तक दी। देश का पहला चर्च और पहली मस्जिद केरल में ही है। दोनों ही धर्मों के बीच हिन्दू आबादी को धर्मान्तरित करने का लक्ष्य था, जो अब तक जारी है। केरल में हिन्दू आबादी के विघटन के बाद यहा मिलिजुली संस्कृति निर्मित हो गई। इसके चलते ही इस भारतीय राज्य में वामपंथी वर्चस्व बढ़ गया। केरल को भारत का सबसे गरीब लेकिन सबसे क्षिक्षित राज्य माना जाता रहा है।
केरल में 300 वर्ष पहले तक 99 प्रतिशत हिन्दू रहते थे। वर्तमान में केरल की कुल 3.50 करोड़ आबादी का 54.7 प्रतिशत भाग ही हिन्दू हैं जबकि 26.6 फीसदी मुस्लिम और 18.4 प्रतिशत ईसाई हैं। केरल में आबादी का संतुलन खासकर ईसाई मिशनरियों ने बिगाड़ा। हिन्दुओं का धर्मांतरण कर वहां की आबादी में कट्टरपंथी मुस्लिमों और वामपंथियों को वर्चस्व की भूमिका में ला खड़ा किया। 2011 की धार्मिक जगनणना के आंकड़ों अनुसार हिन्दुओं की आबादी 16.76 प्रतिशत की दर से तो मुस्लिमों की आबादी 24.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी। पहली बार हिन्दुओं की आबादी वहां 80 प्रतिशत से नीचे आ गई। 2001 में हिन्दू 80.5 प्रतिशत थे, जो घटकर 79.8 प्रशित रह गए जबकि मुस्लिमों की आबादी 13.4 प्रतिशत से बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गई।
एक छोटा-सा गुट कट्टर सुन्नी इस्लाम को मानता है जिसे सलफी मुस्लिम कहते हैं, लेकिन इसकी गतिविधि ने राज्य के अन्य धर्मों के लोगों की जिंदगी मुश्किल में डाल दी है। इस राज्य में राज्य सरकार की नीति के तहत अरब और खाड़ी देशों का दखल ज्यादा है। बाहरी दखल के चलते केरल के शांतिप्रिय मुस्लिम भी अब कट्टरता की राह पर चल पड़े हैं। वर्तमान में केरल के मल्लापुरम, कासरगोड, कन्नूर और पलक्कड़ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मुस्लिमों का जोर चलता है। यहां हिन्दू और ईसाई दबाव में रहते हैं।
आंकड़ों के मुताबिक राज्य में साल 2015 में जन्मे कुल 5,16,013 जिंदा बच्चों में से 42.87 प्रतिशत हिन्दू समुदाय से, 41.45% मुस्लिम समुदाय और ईसाई समुदाय से 15.42% थे। साल 2006 में मुसलमानों की जन्म दर 35 प्रतिशत से बढ़कर 2015 में बढ़कर 41.45 हो गई। 2006 में हिन्दू समुदाय ने 46 प्रतिशत की जन्म दर दर्ज की, जो 10 वर्षों में घटकर 42.87 प्रतिशत रह गई। ईसाई जन्म दर, जो हमेशा 20 प्रतिशत से नीचे थी, 2006 में 17 प्रतिशत से 2015 में 15.42 प्रतिशत हो गई। 9 साल की अवधि के दौरान मुस्लिम जन्म दर में केवल 2 बार गिरावट आई है। 2007 में यह 35 प्रतिशत (2006) से 33.71% तक फिसल गई।