Jansankhya Niyantran Ke Upay जनसंख्या नियंत्रण के उपाय

जनसंख्या नियंत्रण के उपाय



Pradeep Chawla on 30-10-2018


1- शिक्षा का प्रसार-

भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या गॉंवों में निवास करती है। जनसंख्या में यह तीव्र वृद्धि देश के लिए अभिशाप बनती जा रही है। फलस्वरूप गरीबी, बेराजगारी तथा महंगार्इ आदि समस्यायें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। गांवों में शिक्षा की कमी और अज्ञानता के कारण तथा नगरों में गंदी बस्तियों के लोगों में शिक्षा की कमी के कारण जनसंख्या नियंत्रण का कोर्इ भी कार्यक्रम सफल नहीं हो पा रहा है। अतएव लोगों में शिक्षा का प्रसार कर ही जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण किया जा सकता है।


2- परिवार नियोजन-

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार अति आवश्यक है। परिवार नियोजन कार्यक्रम को जन आंदोलन का रूप दिया जाना चाहिए।

3- विवाह की आयु में वृद्धि करना-

हमारे देश में आज भी बाल विवाह की प्रथा है। अत: बाल-विवाह पर कारगर कानूनी रोक लगायी जानी चाहिए। साथ ही लड़के-लडकियों की विवाह की उम्र को भी बढ़ार्इ जानी चाहिए।

4- संतानोत्पत्ति की सीमा निर्धारण-

परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में संतान की सीमा निर्धारण करना अति आवश्यक है। जनसंख्या विस्फोट से बचने के लिए प्रत्येक दम्पत्ति के संतानों की संख्या 1 या 2 करना अति आवश्यक है। चीन में इसी उपाय को अपनाकर जनसंख्या वृद्धि में नियंत्रण पा लिया गया है।

5- सामाजिक सुरक्षा-

हमारे देश में वृद्धावस्था, बेकारी अथवा दुर्घटना से सुरक्षा न होने के कारण लोग बड़े परिवार की इच्छा रखते हैं। अतएव यहॉं सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रमों में बेराजगारी भत्ता, वृद्धावस्था, पेंशन, वृद्धा-आश्रम चलाकर लोगों में सुरक्षा की भावना जाग्रत की जाय।

6- सन्तति सुधार कार्यक्रम-

जनसंख्या की वृद्धि को रोकने के लिए सन्तति सुधार कार्यक्रमों को भी अपनाया जाना चाहिए। संक्रामक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के विवाह और सन्तानोत्पत्ति पर प्रतिबंध लगाया जाये।

7- जीवन-स्तर को ऊॅंचा उठाने का प्रयास-

देश में कृषि व औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाकर लोगों के जीवन स्तर को ऊॅंचा उठाने के प्रयास किये जाने चाहिए । जीवन स्तर के ऊॅंचा उठ जाने पर लोग स्वयं ही छोटे परिवार के महत्व को समझने लग जायेंगे।

8- स्वास्थ्य सेवा व मनोरजन के साधन-

देश के नागरिकों की कार्यकुशलता एवं आर्थिक उत्पादन की क्षमता को बनाये रखने के लिए सार्वजनिक व घरेलू स्वास्थ्य सुविधा एवं सफार्इ पर ध्यान देना आवश्यक है। डाक्टर, नर्स एवं परिचारिकाओं आदि की संख्या में वृद्धि किया जाना चाहिए। ग्रामीणों को स्वास्थ्यप्रद जीवन व्यतीत करने तथा मनोरंजन के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध कराया जाना चाहिए और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि गॉंवों में स्त्री पुरूषों के लिए एकमात्र मनोरंजन का साधन न रहे।

9- जनसंख्या शिक्षा-

ये एक ऐसा कार्यक्रम है जो सरकार तथा स्वयं सेवी संगठनो द्वारा अपने अपने स्तर पर चलाया जा रहा है। उसके माध्यम से लोगो की बढती हुर्इ जनसंख्या से उत्पन्न कठिनार्इयाँ, दुष्प्रभावो, खान पान, बीमारी, स्वास्थ्य संबंधी गडबडियाँ, विवाह योग्य सही उम्र आदि की जानकारी दी जाती है। अब तो जनसंख्या शिक्षा अनिवार्य कर दी गर्इ है। ताकि युवाओ में जनसंख्या के प्रति जागरूकता आ सके। लोगो को जागरूक बनाकर जनसंख्या वृद्धि को कम किया जा सकता है।

10. परिवार नियोजन संबंधी शिक्षा-

लोगो को परिवार नियोजन की जानकारी देकर जनसंख्या वश्द्धि में नियंत्रण किया जा सकता है। गर्भ निरोधकों के प्रयोग से जिसमें निरोध, कापरटी, नसबंदी, गर्भ निरोधको की गोलियों का सेवन इत्यादि की जानकारी देकर तथा इनका प्रचार, प्रसार करके जनसंख्या वृद्धि मे काबू पाया जा सकता है।

11- महिला शिक्षा-

हमारे देश में आज भी महिलाओं की शिक्षा का स्तर पुरूषों की अपेक्षा काफी कम है। महिलाओं के शिक्षित न होने के कारण व जनसंख्या वृद्धि के दृष्परिणामों को नही समझ पाती। वे अपने खान पान पर भी ध्यान नहीं देपाती तथा जनसंख्या नियंत्रण में अपना योगदान नहीं दे पाती। जिन क्षेत्रों मे महिलाओं का शिक्षा स्तर कम है। वहां जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है। पढ़ी लिखी महिलाएं जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूक होती है। इस तरह महिलाएं शिक्षित होंगी तो वे अपने बच्चों के खानपान, पोषण तथा स्वास्थ्य पर भी ध्यान देंगी तथा जनसंख्या पर भी नियंत्रण होगा और एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा।

12- यौन शिक्षा-

आज भी हमारे समाज में यौन संबंधों को छिपाने की चीज समझा ज्ञाता है। लोग यौन संबंधी बातें तथा उससे जुड़ी समस्याओं पर खुलकर बातें करने से कतराते है। यौन संबंधी जानकारी न होने के कारण लोग असमय तथा अधिक बच्चे पैदा करते है। यौन संबंधी जानकारी से जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सहायता मिल सकती है।

13- जन संपर्क-

कर्इ स्वयं सेवी संगठन भी लोगो के बीच जाकर उनसे बातचीत कर जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं की जानकारी देते हैं। उन्हें नुक्कड नाटको, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा तरह-तरह की प्रतियोगिताएं कराकर जनसंख्या वृद्धि के कारणों तथा समस्याओं की जानकारी देकर उन्हे जागरूक बनाते है।

14. जनसंचार माध्यमों द्वारा प्रचार प्रसार-

सरकार समाचार पत्रो, पत्रिकाओं, रेडियों, टेलीविजन पर परिवार नियोजन तथा जनसंख्या शिक्षण संबंधी कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है। इस प्रकार जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याओं तथा उन्हें रोकने के उपयों का प्रचार प्रसार भी करती है।

उपर्युक्त उपायों के अतिरिक्त अन्योन्य उपायों से जन्मदर में कमी करना विवाह की अनिवार्यता को ढीला बनाना, स्त्री शिक्षा, स्त्रियों के आर्थिक स्वावलम्बन पर जोर देना, गर्भपात एवं बन्ध्याकरण की विश्वसनीय सुविधाओं का विस्तार करना, अधिक सन्तान उत्पन्न करने वाले दम्पत्ति को सरकारी सुविधाओं से वंचित करना एक या दो बच्चे पैदा करने वाले दम्पत्ति को विभिन्न शासकीय लाभ दिया जाना चाहिए। 1970 के बाद चीन ने ‘एक दम्पत्ति एक सन्तान’ का नारा देकर अपनी बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है।




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Comments Satish khalkho on 05-04-2024

Jan shankhya niyantran ka oupiya

Shivangi on 01-09-2023

Jansankhya niyantran ke upay bataiye

Payal on 15-04-2023

Jansankhya niyantran ke upay essy poi
Mt


Harsh kumar on 04-09-2022

Jansankhya niyantran ka upayon ka varnan Karen

Shivani on 23-06-2022

Bharat me jansankya bradhi ko niyantrit karne ke upay bataiye

Niharika Dugga on 09-08-2020

Jansankhya niyantrad me ap kis rakar sahyog kr skte hai

William peter on 19-02-2020

Bharat ki jalvayu mansuni kyu mani jati hai.






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