कैसे किसी तत्व के परमाणु का इलेक्ट्रान विन्यास लिखें
किसी परमाणु का इलेक्ट्रान विन्यास Electron configuration उसके इलेक्ट्रान आर्बिटल्स का एक न्यूमरिक रीप्रेजेंटेशन होता है। इलेक्ट्रान आर्बिटल्स,परमाणु के नाभिक के चारों ओर विभिन्न आकृतियों के क्षेत्र होते हैं जहां पर,इलेक्ट्रान के गणितीय रूप से लोकेटेड होने की संभावना होती है। इलेक्ट्रान विन्यास,पाठक को त्वरित रूप से मात्र इतना बताता है कि एक परमाणु में कितने इलेक्ट्रान आर्बिटल्स हैं और साथ ही इसके आर्बिटल्स में से प्रत्येक में कितनी संख्या में इलेक्ट्रान्स हैं। एक बार आप इलेक्ट्रान विन्यास के पीछे के सिद्धांतों को समझ जाएंगे तो आप स्वयं ही इलेक्ट्रान विन्यास लिखने योग्य हो जाएंगे और अपने केमिस्ट्री के टेस्ट को आत्मविश्वास के साथ दे पाएंगे।
विधि 1 आवर्त सारिणी का उपयोग करके इलेक्ट्रान्स का निर्धारण करना इमेज का टाइटल ADOMAH Table v2 1 ADOMAH आवर्त सारिणी को समझें: इलेक्ट्रान विन्यास लिखने की इस विधि के लिए आप को कोई भी चीज़ स्मरण रखने की जरूरत नहीं होती है। तथापि,इसे एक पुनर्व्यवस्थित आवर्त सारिणी की आवश्यकता होती है क्योंकि,एक पारंपरिक आवर्त सारिणी में,चौथी पंक्ति से शुरू होकर,पीरियड नंबर्स इलेक्ट्रान शेल्स के अनुरूप नहीं होते हैं। एक ADOMAH आवर्त सारिणी प्राप्त करें जो वेलरी सिमरमैन (Valery Tsimmerman) नामक वैज्ञानिक द्वारा डिजाइन किया गया एक विशिष्ट आवर्त सारिणी है। एक ऑनलाइन त्वरित सर्च करके इसे सरलता से पाया जा सकता है। ADOMAH आवर्त सारिणी में,क्षैतिज पंक्तियाँ (horizontal rows) तत्वों के समूह जैसे कि,हैलोजेन्स,इनर्ट गैसेज,क्षार धातुएँ (alkali metals),क्षार मृदा (alkaline earths),आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऊर्ध्वाधर कालम्स (Vertical columns) इलेक्ट्रान शेल्स के अनुरूप होते हैं और तथाकथित “ कैस्केड्स cascades ” (तिरछी रेखाएँ जो s,p,d और f ब्लॉक्स को जोड़ती हैं) पीरियड्स के अनुरूप होते हैं। . हीलियम को हाइड्रोजन के बाद रखा गया है क्योंकि,दोनों ही 1s आर्बिटल द्वारा विशेषित होते हैं। पीरियड्स के ब्लॉक्स (s,p,d और f) दाहिनी ओर दर्शाए जाते हैं और शैल नंबर्स,आधार पर दर्शाए जाते हैं। तत्वों को आयताकार बॉक्सेज में दर्शाया जाता है जिन पर,1 से 120 तक नंबरिंग होती है। ये अंक सामान्य परमाणु क्रमांक होते हैं जो एक उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रान्स की संख्या को दर्शाते हैं।
2 अपने परमाणु को ADOMAH सारिणी में ढूंढें: किसी तत्व का इलेक्ट्रान विन्यास लिखने के लिए उसके सिंबल को ADOMAH आवर्त सारिणी में ढूंढें और उससे अधिक परमाणु क्रमांक वाले सभी तत्वों को काट दें। उदाहरण के लिए,यदि आपको एर्बियम (68) के इलेक्ट्रान विन्यास लिखने की आवश्यकता हो,तो 69 से लेकर 120 तक के सभी तत्वों को काट दें। सारिणी के बेस पर से लेकर तक के नंबरों पर ध्यान दें। ये इलेक्ट्रान शैल नंबर्स या कालम नंबर्स हैं। उन कालम्स को छोड़ दें जिनमें सिर्फ कटे हुए तत्व ही हैं। एर्बियम के लिए शेष बचे कालम्स,1,2,3,4,5 और हैं।
3 अपने परमाणु तक आर्बिटल-सेट्स को काउंट करें: सारिणी (s,p,d और f) के दाहिनी ओर दर्शाए गए ब्लॉक सिंबल्स,और बेस पर दर्शाए गए कालम नंबर्स को देख कर तथा ब्लॉक्स के बीच की तिरछी लाइंस को छोड़ कर,कालम्स को कालम- ब्लॉक्स में विभाजित करें और उन्हें नीचे से ऊपर की ओर सूचीबद्ध करें। पुनः,उन कालम्स को छोड़ दें जिनके सभी तत्व काट दिए गए हों। कालम- ब्लॉक्स को कालम नंबर से शुरू करके उसके बाद ब्लॉक-सिम्बल को इस प्रकार लिखें: 1s 2s 2p 3s 3p 3d 4s 4p 4d 4f 5s 5p 6s (एर्बियम के लिए)। नोट: एर्बियम के उपरोक्त इलेक्ट्रान विन्यास को बढ़ते हुए शैल नंबर के क्रम में लिखा गया है। इसे,आर्बिटल के भरने के क्रम में लिखा जा सकता है। कालम-ब्लॉक्स को लिखते समय,कालम्स के बजाय,ऊपर से नीचे की ओर सिर्फ कैस्केड्स (cascades) का अनुसरण करें: 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d10 4p6 5s2 4d10 5p6 6s2 4f12.
4 प्रत्येक आर्बिटल सेट के लिए इलेक्ट्रान्स को काउंट करें: प्रत्येक ब्लॉक-कालम में,1 इलेक्ट्रान प्रति तत्व निर्धारित करते हुए,न काटे गए तत्वों को गिनें और उनकी मात्रा को,प्रत्येक ब्लॉक-कालम के लिए निर्धारित ब्लॉक-सिम्बल के बाद,इस प्रकार लिखें: 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f12 5s2 5p6 6s2। हमारे उदाहरण में,यही इलेक्ट्रान विन्यास एर्बियम का है।
5 अनियमित इलेक्ट्रान विन्यासों को जानें: न्यूनतम ऊर्जा अवस्था,जिसे ग्राउंड स्टेट भी कहते हैं,में परमाणु के इलेक्ट्रान विन्यास में अठ्ठारह अपवाद होते हैं। वे सामान्य नियम से,मात्र से इलेक्ट्रान पोजीशन्स तक,विचलित होते हैं। इन मामलों में,वास्तविक इलेक्ट्रान विन्यास,इलेक्ट्रान्स को,परमाणु के मानक विन्यास की अपेक्षा कम-ऊर्जा वाली अवस्था में रखता है। अनियमित परमाणुओं में ये हैं: Cr (...,3d5,4s1) ; Cu (...,3d10,4s1) ; Nb (...,4d4,5s1) ; Mo (...,4d5,5s1) ; Ru (...,4d7,5s1) ; Rh (...,4d8,5s1) ; Pd (...,4d10,5s0) ; Ag (...,4d10,5s1) ; La (...,5d1,6s2) ; Ce (...,4f1,5d1,6s2) ; Gd (...,4f7,5d1,6s2) ; Au (...,5d10,6s1) ; Ac (...,6d1,7s2) ; Th (...,6d2,7s2) ; Pa (...,5f2,6d1,7s2) ; U (...,5f3,6d1,7s2) ; Np (...,5f4,6d1,7s2) and Cm (...,5f7,6d1,7s2).
सलाह जब परमाणु एक आयन होता है,तो इसका अर्थ यह है कि प्रोटान्स की संख्या,इलेक्ट्रान्स की संख्या के बराबर नहीं है। उसके बाद,परमाणु का आवेश,उसके रासायनिक सिम्बल के टॉप-राइट (आमतौर पर) कार्नर पर दर्शाया जाएगा। तो,एक ऐन्टीमनी परमाणु,जिस पर +2 का आवेश है,का इलेक्ट्रान विन्यास यह होता है: 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d10 4p6 5s2 4d10 5p1। ध्यान दें कि 5p3 बदल कर 5p1 हो गया। जब भी किसी अनावेशित परमाणु के विन्यास का अंत एक,s और p आर्बिटल-सेट के अतिरिक्त किसी अन्य आर्बिटल सेट में हो तो सावधान हो जाएँ। जब आप इलेक्ट्रान्स को बाहर निकालते हैं,तो आप उन्हें केवल वैलेंस आर्बिटल्स (s और p आर्बिटल्स) से ही निकाल सकते हैं। तो,यदि एक विन्यास का अंत 4s2 3d7 में होता है और परमाणु +2 आवेश प्राप्त करता है,तो विन्यास बदल जाएगा और उसका अंत 4s0 3d7 में होगा। ध्यान दें कि,3d7 परिवर्तित नहीं होता है बल्कि,s आर्बिटल के इलेक्ट्रान्स बाहर निकल जाते हैं। प्रत्येक परमाणु स्थिर (stable) होना चाहता है,और सबसे अधिक स्थिर विन्यासों में भरे हुए s और p (s2 और p6) आर्बिटल सेट्स होते हैं। नोबुल गैसेज में यही विन्यास होता है जिसके कारण,वे कभी बिरले ही ऐक्टिव होते हैं और आवर्त सारिणी के दाहिनी ओर होते हैं। यदि विन्यास का अंत 3p4 में हो,तो स्थिर होने के लिए इसे मात्र और इलेक्ट्रान्स की आवश्यकता होती है (s आर्बिटल के इलेक्ट्रान्स को मिलाकर इलेक्ट्रान्स खोने के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है इसलिए,4 इलेक्ट्रान्स को खोना अपेक्षाकृत आसान है)। और यदि किस विन्यास का अंत 4d3 में होता है,तो स्थिर अवस्था प्राप्त करने के लिए इसे मात्र इलेक्ट्रान्स को खोने की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त,आधे भरे हुए शेल्स (s1,p3,d5),उदाहरण के लिए,p4 या p2 से अधिक स्थिर होते हैं ; तथापि,s2 और p6 इससे भी अधिक स्थिर होते हैं। आप किसी तत्व का इलेक्ट्रान विन्यास,मात्र वैलेंस विन्यास लिख कर भी,लिख सकते हैं जो,अंतिम s और p आर्बिटल सेट होते हैं। तो,एक ऐन्टीमनी परमाणु का वैलेंस विन्यास 5s2 5p3 होगा। आयन्स वैसे नहीं होते हैं। वे अत्यधिक कठोर होते हैं। इस आर्टिकिल के ऊपरी लेवेल्स को छोड़ दें और,इस बात पर निर्भर करते हुए कि आपने कहाँ से शुरू किया था और इलेक्ट्रान्स की संख्या कितनी अधिक या कम है,उसी पैटर्न का अनुसरण करें। जब कोई परमाणु इलेक्ट्रान विन्यास फार्म में हो,तो उसका परमाणु क्रमांक ज्ञात करने के लिए मात्र उन सभी नम्बर्स का योग करना होगा जो,(s,p,d और f) अक्षरों के बाद में लिखे होते हैं। यह केवल तभी काम करता है जब परमाणु उदासीन होता है। यदि यह एक आयन है तो यह तरकीब काम नहीं आएगी और आपको उतना ही जोड़ना या घटाना पड़ेगा जितने इलेक्ट्रान्स प्राप्त हुए हैं या खोए हैं। अक्षर के बाद आने वाला नम्बर वास्तव में सुपरस्क्रिप्ट होता है इसलिए,परीक्षा में ऐसी गलती न करें। इलेक्ट्रान विन्यासों को लिखने के लिए,2 भिन्न-भिन्न तरीके होते हैं। वे,शैल नम्बर्स के बढ़ते हुए क्रम में या आर्बिटल के भरने के क्रम में,जैसा ऊपर एर्बियम के लिए प्रस्तुत किया गया है,लिखे जा सकते हैं। ऐसी परिस्थितियाँ भी होती हैं जब एक इलेक्ट्रान को "प्रोन्नति" की आवश्यकता होती है। जब एक आर्बिटल सेट आधा या पूरा भरे होने से मात्र इलेक्ट्रान दूर होता है,तो निकटतम s या p आर्बिटल सेट में से इलेक्ट्रान निकाल कर उसे,उस आर्बिटल सेट में मूव कर दीजिए जिसे,इलेक्ट्रान की जरूरत है। सब-लेवल की "किसी आधा-भरे की स्थिरता (stability of a half-filled) ",जैसी कोई चीज़ नहीं होती है। यह अति-सरलीकरण है। "आधे-भरे" सब-लेवल से सम्बद्ध कोई भी स्थिरता,वास्तव में इस तथ्य के कारण होता है कि,प्रत्येक आर्बिटल में मात्र 1-1 इलेक्ट्रान है,जिससे इलेक्ट्रान-इलेक्ट्रान विकर्षण न्यूनीकृत हो जाता है।
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