Chalak Ka Pratirodh Badhta Hai Jab चालक का प्रतिरोध बढ़ता है जब

चालक का प्रतिरोध बढ़ता है जब



Pradeep Chawla on 12-05-2019

चालक का प्रतिरोध

धातु में इलेक्ट्रॉनों के विचरण से धारा बहती है। गतिशील इलेक्ट्रॉन एक दूसरे से तथा धातु चालक में उपस्थित धनात्मक आयनों से टकराते है। यह टक्करें इलेक्ट्रॉन की चाल को कम करने का प्रयास करती है और इस तरह से विध्युत धारा के प्रवाह का विरोध करती है। 
चालक का वह गुणधर्म जिसके कारण वह उसमें से प्रवाहित होने वाली विध्युत धारा का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है। 
प्रतिरोध अक्षर R से प्रदर्शित किया जाता है। 
प्रतिरोध की SI इकार्इ ओम है। ओम ग्रीक अक्षर ओमेगा (Ω) से प्रदर्शित किया जाता है। 
प्रतिरोध एक अदिश राशि है। 
कारक जिस पर किसी चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है। 
चालक के प्रतिरोध पर लम्बार्इ का प्रभाव: चालक का प्रतिरोध लम्बार्इ के सीधे समानुपाती होता है। इस प्रकार, चालक का प्रतिरोध ∝ चालक की लम्बार्इ 
चालक के प्रतिरोध पर अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल का प्रभाव :चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इस तरह, चालक का प्रतिरोध ; 
 
* यदि चालक का अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल दुगुना किया जाता है तो, उसका प्रतिरोध आधा हो जाता है। 
चालक के प्रतिरोध पर ताप का प्रभाव : सभी शुद्ध धातुओं का प्रतिरोध ताप में वृद्धि के साथ बढ़ता है। मिश्र धातुओं का प्रतिरोध ताप में वृद्धि के साथ बहुत कम बढ़ता है। धातुओं के लिए जब ताप बढ़ता है, प्रतिरोध बढ़ता है और अर्द्धचालकों के लिए जब ताप बढ़ता है प्रतिरोध कम होता है। 
चालक के प्रतिरोध पर पदार्थ की प्रकृति का प्रभाव : कुछ पदार्थ निम्न प्रतिरोध रखते है, जबकि कुछ अन्य बहुत उच्च प्रतिरोध रखते है। सामान्यतया एक मिश्रधातु उन शुद्ध धातुओं जिनसे वह बनी है, से उच्च प्रतिरोध रखती है। 
* कॉपर, चांदी, एलुमिनियम इत्यादि बहुत कम प्रतिरोध रखते है। 

* नाइक्रोम, कोन्सटेनटन इत्यादि उच्च प्रतिरोध रखते हैं। नाइक्रकोम हीटर, टोस्टर, विध्युत र्इस्त्री इत्यादि के ऊष्मा देने वाले भाग बनाने में प्रयुक्त होता है।


ओम का नियम Ohms Law

धारा और विभवांतर के बीच संबंध की खोज सर्वप्रथम जर्मनी के जार्ज साइमन ओम ने की। इस संबध को व्यक्त करने के लिए ओम ने जिस नियम का प्रतिपादन किया, उसे ही ओम का नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार “स्थिर ताप पर किसी चालक में प्रवाहित होने वाली धारा चालक के सिरों के बीच विभवांतर के समानुपाती होती है।”


यदि चालक के सिरों के बीच का विभवांतर V हो और उसमें प्रवाहित धारा I हो, तो ओम के नियम से v ∝ I या V =I R जहाँ R एक नियतांक है, जिसे चालक प्रतिरोध कहते हैं।


प्रतिरोध Resistance

किसी चालक का वह गुण जो उसमें प्रवाहित धारा का विरोध करता है, प्रतिरोध कहलाता है। जब किसी चालक में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है, तो चालक में गतिशील इलेक्ट्रॉन अपने मार्ग में आने वाले इलेक्ट्रॉनों, परमाणुओं एवं आयनों से निरन्तर टकराते रहते हैं, इसी कारण प्रतिरोध की उत्पत्ति होती है। यदि किसी चालक के सिरों के बीच का विभवान्तर V वोल्ट एवं उसमें प्रवाहित धारा I एम्पीयर हो ।

प्रतिरोध (Resistance) = विभवान्तर / धारा या, R=VI


प्रतिरोध का SI इकाई ओम है, जिसका संकेत Ω है। किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है-

(i) चालक पदार्थ की प्रकृति पर: किसी चालक का प्रतिरोध उसके पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।

(ii) चालक के ताप पर: किसी चालक का प्रतिरोध उसके ताप पर निर्भर करता है। ताप बढ़ने पर चालक का प्रतिरोध बढ़ता है, लेकिन ताप बढ़ने पर अर्द्धचालकों का प्रतिरोध घटता है।

(iii) चालक की लम्बाई पर: किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई का समानुपाती होता है। अर्थात् लम्बाई बढ़ने से चालक का प्रतिरोध बढ़ता है और लम्बाई घटने से चालक का प्रतिरोध घटता है।

(iv) चालक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर:किसी चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात् मोटाई बढ़ने पर चालक का प्रतिरोध घटता है।


ओमीय प्रतिरोध Ohmic Resistance

जो चालक ओम के नियम का पालन करते हैं, उन्हें ओमीय प्रतिरोधक (Ohmic resistor) तथा उनके प्रतिरोध की ओमीय प्रतिरोध कहते हैं, जैसे-मैंगनीज का तार, तांबा का तार, ऐल्युमिनियम का तार आदि।


अनओमीय प्रतिरोध Non-Ohmic Resistance :जो चालक ओम के नियम का पालन नहीं करते, उन्हें अनओमीय प्रतिरोधक तथा उनके प्रतिरोध को अनओमीय प्रतिरोध कहते हैं। जैसेडायोड वाल्व (Diode valve) का प्रतिरोध, ट्रायोड वाल्व (Triode valve) का प्रतिरोध। 

नोट: डायोड एवं ट्रायोड वाल्व में प्लेट धारा आोम के नियम का पालन न करके चाइल्ड लैंगसूर नियम (Child Langmuirs Law) का पालन करती है। विशिष्ट प्रतिरोध Specific Resistance or Resistivity किसी चालक का प्रतिरोध उसके लम्बाई का समानुपाती तथा उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युत्क्रमानुपाती होता है।


अतः किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध, चालक पदार्थ से बने एकांक लम्बाई एवं एकांक अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाले तार के प्रतिरोध के बराबर होता है। विशिष्ट प्रतिरोध का SI इकाई ओम मीटर (Ω m) होता है। सबसे कम विशिष्ट प्रतिरोध चाँदी का होता है, इसीलिए चाँदी विद्युत् का सबसे अच्छा चालक है।

पदार्थ0°C पर विशिष्ट प्रतिरोध (Ω m)पदार्थ0°C पर विशिष्ट प्रतिरोध (Ω m)
चाँदी1.6 × 10-8तांबा1.7×10-8
ऐलुमिनियम2.7×10-8टंगस्टन5.6 × 10-8
लोहा10 × 10-8प्लैटिनम11 × 10-8
पारा98 × 10-8मैगनीज44 × 10-8
नाइक्रोम100 × 10-8कार्बन3.5 × 10-5
जर्मेनियम0.46सिलिकॉन2.3 × 103
लकड़ी108 – 10-11कांच1010 - 1014
अभ्रक10-11 - 1015



Comments Anmol on 21-01-2024

चालक का प्रतिरोध है

Ankit chauhan on 18-12-2023

ताप बढ़ाने पर चालक तार का प्रतिरोध क्यों बढ़ता है

Mahbub on 24-09-2023

Tab nasard chalak ka pratirodh


Ankit chauhan on 16-09-2023

Kisi conductive wire ka temperature badhata par resistance kyu badhata hai

Ouestion ka ans chhiy on 12-05-2023

pratiyogita pracharak ki lambai ka kya prabhav padta hai yadi chalak ke lbai 4 guna kar diya jaaye to chale ki pratiyogita Kya hogi

Sagar on 02-04-2023

Tap badhane se Chalak ka pratirodh Kyon badhta Hai Karan bataiye

Ankit Rathore on 23-02-2023

Tungsten Ka pratirodhak tapman ke bdane pr bdta h ya ghatta hai?


Chetram on 29-01-2023

Agar lambai ko khinchkar do guña and radius half kar diya jata h to resistance kitna guna hoga



Kundan kumar on 19-01-2020

Tap badne par ardhchalk ka partirodh Kya hota hai

Shiva Sharma on 07-02-2020

Tap badhane per kisi chalak ka vidyut pratirodh

Ravi kushwaha on 02-07-2020

ताप बढ़ाने पर किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता क्यों बढ़ जाती है

RADHESHYAM SAINI on 04-01-2021

Tap badne pr kiska resistance.gutha h ... Tungsten yes. No. Ans.


Ankit jangir on 08-02-2021

Residence ki value increase karne par voltage ki value dicrease kyo Hoti h

Vinod Kumar on 12-05-2021

Hshjzjjzjzjjsjsj

Afiya on 25-05-2021

Kisi 7ohm pratirodh ko ek battery se joda jata h to esme 1.5A ki dahara bahte h jb pratirodh badah kar 11 ohm kar diya jai to dahara gathkar 1A ho jate h to battery ka Emf kaise nikale?

मुकुल on 20-11-2021

वाइट विभांतर वाले चालक का प्रतिरोध क्या होगा यदि चालक के सिरों के बीच 4 एंपियर धारा प्रवाहित हो रही हो

Chalak tar ki lambai on 15-12-2021

Chalak tar ki lambai

Richa on 24-12-2021

Lambaai badne par chalak ka resisence kyu badhta hai


विजय राज मिश्र on 23-01-2022

धारावाहिक चालक तार में धारा का मान बढ़ाने पर.....का मान बढ़ जाता है।

Sanjeev Kumar pandey on 28-01-2022

धट्विक प्रतिरोधक का प्रतिरोध तापमान बढ़ने पर होता है

अक्षय कुमार on 16-02-2022

इलेक्ट्रोलाइट के लिए तापमान बढ़ने पर प्रतिरोध
घटता ह। बढ़ता ह। समान रहेता ह।

Ram on 30-05-2022

Voltage badhane par pratirodh
par kya asar hoga

Shashibhushan on 09-06-2022

Tap badhne se ardhchalak ka visist pratirodh

ताप बढाने पर किसी चालक का.वैद्दुत प्रतिरोध on 11-07-2022

प्रतिरोध

Rupeshtyagi on 10-09-2022

Tap badhane par kis Dhatu ka pratirodh ghataya hai

Ayush on 14-01-2023

Tap badhane per kis Chalak ka Vidyut pratirodh pahla Parivartan rahata Hai dusra badhta Hai Teesra Ghatta hai



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