Navratri Kalash Sthapanaa नवरात्रि कलश स्थापना

नवरात्रि कलश स्थापना



GkExams on 25-09-2022


नवरात्रा के बारें में (What is navratri in hindi) : हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व होता है। आपको बता दे की एक वर्ष नवरात्रि चार बार होती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन। नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है। मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है। दुनिया में सारी शक्ति, नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही है, इसलिए नवरात्रि में देवी की उपासना ही की जाती है।

Navratri-Kalash-Sthapanaa


नवरात्रि के नियम (navratri story) की बात करें तो यदि आप 09 दिनों तक व्रत रख रहे हैं तो आपको अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी बजाय आपको फलहारी चीजें जैसे मौसमी फल, सिंघाड़े और कुट्टू का आटा, साबूदाना आदि का प्रयोग करना चाहिए।


नवरात्रि कब है?




इस बार (when is navratri in 2022) 26 सितंबर से 5 अक्तूबर 2022 तक नवरात्रि होंगे। इस प्रकार आश्विन नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 23 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 27 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में इस शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर 2022 को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।


शारदीय नवरात्र कलश स्थापना :




सबसे पहले आपको इन सामग्रियों (how to celebrate navratri at home) को तैयार रखना होता है, जो इस प्रकार है...


  • मां दुर्गा की प्रतिमा
  • दुर्गा चालीसा और आरती की किताब
  • दीपक
  • घी/ तेल
  • फूल
  • फूलों का हार
  • पान
  • सुपारी
  • लाल झंडा
  • इलायची
  • बताशे या मिसरी
  • असली कपूर
  • उपले
  • फल व मिठाई
  • कलावा
  • मेवे
  • हवन के लिए आम की लकड़ी
  • जौ
  • वस्त्र
  • दर्पण
  • कंघी
  • कंगन-चूड़ी
  • सिंदूर
  • केसर
  • कपूर
  • हल्दी की गांठ
  • पिसी हुई हल्दी
  • पटरा
  • सुगंधित तेल
  • चौकी



  • जब आप ये सामग्रियां अपने पास रख लेते है तो इसके बाद कलश स्थापना करने के लिए माता की चौकी को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। इस चौकी को गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें. अब चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश स्थापित करें।


    अब इस कलश में आम के पत्ते लगाएं और गंगाजल भरें। कलश में आप एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ भी डाल सकते हैं। कलश के मुख पर एक लाल वस्त्र से नारियल लपेट कर रखें। कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा के शैलपुत्री अवतार की पूजा करें। हाथ में फूल लेकर मां की आरती करें। आप पूजा में 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै.' इस मंत्र का जप करें।




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