Baingan Me Safed Makhhi Niyantran Hetu Jaivik Dawa बैंगन में सफेद मक्खी नियंत्रण हेतु जैविक दवा

बैंगन में सफेद मक्खी नियंत्रण हेतु जैविक दवा



Pradeep Chawla on 12-05-2019

बैंगन की फसल में विभिन्न प्रकार के कीट व रोग भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे जहां फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ता है, वहीं फसल पैदावार भी प्रभावित होती है। कीट व रोगों की समय रहते रोकथाम कर ली जाए तो अच्छी पैदावार ली जा सकती है।



प्रमुख कीट व उनकी रोकथाम



हरा तेला : हरे रंग के शिशु व प्रौढ़ कोमल पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं। पत्तियां पीली व कमजोर होकर गिरने लगती हैं। प्रकोप दिखाई देते ही 300-400 मि.ली.मैलाथियान 50 ई.सी. को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें। फसल शुरू होने पर बारी-बारी से 80 मि.ली.फैनवलरेट 20 ई.सी. या 70 मि.ली. साइपरमेथ्रिन 25 ई.सी. तथा 500 ग्राम कार्बोरिल 50 डब्ल्यूपी का रोपाई के 35-40 दिन बाद 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।



सफेद मक्खी: सफेद-मटमैले रंग की अंडे के आकार की छोटी मक्खी के शिशु व प्रौढ़ पत्तियों का रस चूसकर नुकसान पहुंचाते हैं। यह मक्खी विषाणु रोग भी फैलाती है।



हड्डा भुंडी: यह भुंडी अर्धवृत आकार में तांबे जैसे रंग की होती है, जो पत्तियों का हरा पदार्थ खा जाती है। पत्तियां सूखकर गिर जाती हैं।



तना व फल छेदक सुंडी: गुलाबी रंग की सुस्त सुंडी है। फल खाने से पहले यह कोपलों में छेद करके अंदर पनपती रहती है, फिर फलों के अंदर जाकर उनको काना कर देती है।



लाल अष्ट पदी मकड़ी: प्रौढ़ व शिशु पत्तियों का रस चूस लेते हैं तथा पत्तियां मुड़ जाती हैं। अधिक प्रकोप से पत्तियां लाल होकर गिर जाती हैं और इन पर जाला सा बना जाता है।



रोकथाम: इन चारों कीटों की रोकथाम के लिए 400 मि.ली.मैलाथियान 50 ई.सी. को 200-250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें। फल छेदक सुंडी के प्रकोप से मुरझाई कोपलों को काटकर जमीन में दबा दें।



---------



बैंगन में कई रोग भी नुकसान पहुंचाते हैं। फल गलन की रोकथाम के लिए प्रति किलो बीज का उपचार ढाई ग्राम थीराम या कैप्टान से करें। फल लगने के बाद 400 ग्राम इंडोफिल एम-45 दवा 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। जड़ गांठ रोग की रोकथाम के लिए नर्सरी में कार्बोफ्यूरान 3 जी सात ग्राम प्रति वर्ग मी. के हिसाब से भूमि में मिलाएं। छोटी पत्ती या मोजेक रोग की रोकथाम के लिए रोपाई से पहले पौध की जड़ों को आधे घंटे तक टेट्रासाइक्लिन के घोल में डुबोएं।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Mathura prasad on 05-12-2023

बैगन की फसल में सफेद मक्खी का नियंत्रण कैसे करें तना छेदक और फल छेदक को कैसे रोके

Bengan me tana chedak he on 20-08-2023

Bengan me fal chedak rog he jevik upay bataye

Dinesh on 02-09-2022

Baigan ME fal chedak keetadu kee dava


Biru ray on 31-05-2021

Baigan mein safe. makkhi ka nidan

Biru ray on 13-10-2020

Baigan mein safed makkhi ka nidan

Yogesh on 31-07-2020

Safed makkhi ki dva

Rajat on 09-03-2020

सफ़ेद मख्खी से कैसे निपटें






नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment