Raso Kavya Ka Parichay Dijiye रासो काव्य का परिचय दीजिए

रासो काव्य का परिचय दीजिए



GkExams on 12-05-2019

रासो काव्य -

रासो काव्य हिन्दी साहित्य की एक विशिष्ट काव्यधारा रही है, जो वीरगाथा काल में उत्पन्न होकर मध्य युग तक चली आई। कहना यों चाहिए कि आदि काल में जन्म लेने वाली इस विधा को मध्यकाल में विशेष पोषण मिला। पृथ्वीराज रासो से प्रारम्भ होने वाली यह काव्य विधा देशी राज्यों में भी मिलती है। तत्कालीन कविगण अपने आश्रयदाताओं को युद्ध की प्रेरणा देने के लिए उनके बल पौरुष आदि का अतिरंजित वर्णन इन रासो काव्यों में करते रहे हैं।



रासो काव्य परम्परा में सर्वप्रथम ग्रन्थ पृथ्वीराज रासो माना जाता है।

संस्कृत, बौद्ध और जैन साहित्य में रास, रासक नाम की अनेक रचनायें लिखी गईं। गुर्जर एवं राजस्थानी साहित्य में तो इसकी एक लम्बी परम्परा पाई जाती है। यह निर्विवाद सत्य है कि संस्कृत काव्य ग्रन्थों का हिन्दी साहित्य पर बहुत प्रभाव पड़ा। संस्कृत काव्य ग्रन्थों में वीर रस पूर्ण वर्णनों की कमी नहीं है।

ऋग्वेद में तथा शतपथ ब्राह्मण में युद्ध एवं वीरता सम्बन्धी सूक्त हैं।

महाभारत तो वीर काव्य ही है। यहीं से सूत, मागध आदि द्वारा राजाओं की प्रशंसा का सूत्रपात हुआ जो आगे चलकर भाट, चारण, ढुलियों आदि द्वारा अतिरंजित रुप को प्राप्त कर सका।

वीर काव्य की दृष्टि से रामायण में भी युद्ध के अतिशयोक्ति पूर्ण वर्णन हैं।

किरातार्जुनीय, में वीरोक्तियों द्वारा वीर रस की सृष्टि बड़ी स्वाभाविक है।

उत्तर रामचरित में जहाँ एको रसः करुण एव का प्रतिपदान है वहीं चन्द्रकेतु और लव के वीर रस से भरे वाद विवाद भी हैं।

नारायण कृत वेणी संहार में वीर रस का अत्यन्त सुन्दर परिपाक हुआ है। इससे स्पष्ट है कि हिन्दी की वीर काव्य प्रवृत्ति संस्कृत से ही विनिश्रित हुई है।

डॉ. उदय नारायण तिवादी ने वीर काव्य में हिन्दी की वीर काव्यधारा का उद्गम संस्कृत की वरी रस रचनाओं से माना है




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Mukund tiwari on 01-12-2023

Class 9 kavitao ke raso ko Kaise
pechane

Puspendra Kushwaha on 19-11-2023

आदीकाल की प्रमुख बिशेषताऐं बताइए।

Mukund tiwari on 11-05-2022

Class 9 ke Hindi ka Jo book hai uske kavitao ke raso ko kaise pehchane


Pankaj on 26-11-2020

Rask kavya ke parampra ka parichye

Krishna on 17-03-2020

प्रमुख रासो कृतियों का परिचय दीजिए

Raushan Singh on 24-02-2020

हिंदी-रासो काव्य-परम्परा का परिचय दें।





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