Pearl Farming Training In Delhi पर्ल फार्मिंग ट्रेनिंग इन देल्ही

पर्ल फार्मिंग ट्रेनिंग इन देल्ही



GkExams on 10-06-2022


Pearl Farming Training Center Address : Plot No. 17, Goyla Vihar, Sector 19, Dwarka, New Delhi, Delhi 110075


मोती की खेती (pearl farming) के बारें में :


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इस व्यवसाय में सीप का पालन किया जाता है। जिससे बहुत ही महंगी मोतियों की प्राप्त होती है। लाभ की दृष्टि से भी किसानों के लिए मोतियों की खेती (pearl farming in hindi) एक अच्छा विकल्प है। आपको बता दें मोतियों का उत्पादन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें सीप को पानी में 8-10 महीने पाला जाता है।


मोती क्या है?




ध्यान रहे की मोती एक प्राकृतिक रत्न है जो सीप के भीतर बनता है। सीप यानी घोंघे का घर। घोंघा जब भोजन करने के लिए सीप से अपना मुंह बाहर निकलता है तब अनचाहे परजीवी भी उसके साथ चिपककर सीप के अंदर प्रवेश कर जाते हैं जिनसे छुटकारा पाने के लिए घोंघा अपने ऊपर रक्षा कवच बनाना शुरू कर देता है।


जो आगे चलकर मोती का रूप धारण करता है, ये प्राकृतिक प्रक्रिया होती है मोती के बनने की। इसी प्रक्रिया को जब कृत्रिम तरीके से कराया जाता है तब इसे मोती पालन (moti palan) या पर्ल कल्चर कहा जाता है।


मोती की खेती करने की विधि :




सबसे पहले तो इसकी खेती (pearl farming in india) के लिए सर्वप्रथम कुशल वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लें। कई संस्थानों में सरकार के द्वारा फ्री में ट्रेनिंग (pearl farming training in india) कराई जाती है। सरकारी संस्थानों से या फिर मछुआरों से सीप खरीदकर खेती का काम शुरू करें।


अगर आप भी मोती की खेती करना चाहते है तो आपको बता दे की मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल समय शरद ऋतु यानी अक्टूबर से दिसंबर तक का समय माना जाता है। इसकी खेती के लिए भूमि की जगह तालाब की जरूरत पड़ती है।


तालाब में शिप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है। डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की मोती को हम अपनी इच्छा के अनुसार आकार, रंग और रूप दे सकते हैं।


कैसे बनता है मोती?




आप सरकारी संस्थानों से या फिर मछुआरों से सीप खरीदकर खेती का काम शुरू करें। सीपों को खुले पानी में दो दिन के लिए रखते हैं। धूप और हवा लगने के बाद सीप का कवच और मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं।


मांशपेशियां ढीली होने के बाद सीप की सर्जरी कर सीप के अंदर सांचा डाल दें। यह सांचा जब सीप को चुभता है तो वह उस पर अपने अंदर से निकलने वाला एक पदार्थ छोड़ता है। आपके द्वारा इस प्रयास में एक निश्चित समय अंतराल के बाद सांचा मोती की शक्ल में तैयार हो जाता है।


मोती पालन से मुनाफा :




जैसा की दोस्तों आपने ऊपर पढ़ा तो इससे कुल मिलाकर यहीं बात सामने आती है की मोती पालन (Pearl Farming Benefits) एक ऐसा बिसनेस है, जिसमे सिर्फ दस हजार रुपये खर्च करना है, किसी भी लोन की जरुरत नहीं है, और फायदा लाखों और करोड़ों में हो सकता है। बस इसके लिए आपको एक अच्छा प्रशिक्षण चाहिए।



Comments Ravi Mahendru on 27-11-2023

Hi, i am interested in pearl farming, please call me to discuss further 8872050309

Hanuman.prasad on 10-01-2023

I.am.moti.kikhetikarna.h

Rashmi on 09-08-2022

Mujhe pearl farming ke baare mai seekhna hai aur pearl farming karni hai ghar se


Dharmendra Kumar on 10-06-2022

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