Moti Utpadan मोती उत्पादन

मोती उत्पादन



GkExams on 12-10-2022


मोती की खेती के बारें में : इस व्यवसाय में सीप का पालन किया जाता है। जिससे बहुत ही महंगी मोतियों की प्राप्त होती है। लाभ की दृष्टि से भी किसानों के लिए मोतियों की खेती (pearl farming) एक अच्छा विकल्प है। आपको बता दें मोतियों का उत्पादन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें सीप को पानी में 8-10 महीने पाला जाता है।

Moti-Utpadan


मोती क्या है?


ध्यान रहे की मोती एक प्राकृतिक रत्न है जो सीप के भीतर बनता है। सीप यानी घोंघे का घर। घोंघा जब भोजन करने के लिए सीप से अपना मुंह बाहर निकलता है तब अनचाहे परजीवी भी उसके साथ चिपककर सीप के अंदर प्रवेश कर जाते हैं जिनसे छुटकारा पाने के लिए घोंघा अपने ऊपर रक्षा कवच बनाना शुरू कर देता है।


जो आगे चलकर मोती का रूप धारण करता है, ये प्राकृतिक प्रक्रिया होती है मोती के बनने की। इसी प्रक्रिया को जब कृत्रिम तरीके से कराया जाता है तब इसे मोती पालन (moti palan) या पर्ल कल्चर कहा जाता है।


मोती की खेती करने की विधि :




सबसे पहले तो इसकी खेती (pearl farming in india) के लिए सर्वप्रथम कुशल वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लें। कई संस्थानों में सरकार के द्वारा फ्री में ट्रेनिंग (pearl farming training in india) कराई जाती है। सरकारी संस्थानों से या फिर मछुआरों से सीप खरीदकर खेती का काम शुरू करें।


अगर आप भी मोती की खेती करना चाहते है तो आपको बता दे की मोती की खेती के लिए सबसे अनुकूल समय शरद ऋतु यानी अक्टूबर से दिसंबर तक का समय माना जाता है। इसकी खेती के लिए भूमि की जगह तालाब की जरूरत पड़ती है।


तालाब में शिप के माध्यम से मोती की खेती की जाती है। डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की मोती को हम अपनी इच्छा के अनुसार आकार, रंग और रूप दे सकते हैं।


कैसे बनता है मोती?


आप सरकारी संस्थानों से या फिर मछुआरों से सीप खरीदकर खेती का काम शुरू करें। सीपों को खुले पानी में दो दिन के लिए रखते हैं। धूप और हवा लगने के बाद सीप का कवच और मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं।


मांशपेशियां ढीली होने के बाद सीप की सर्जरी कर सीप के अंदर सांचा डाल दें। यह सांचा जब सीप को चुभता है तो वह उस पर अपने अंदर से निकलने वाला एक पदार्थ छोड़ता है। आपके द्वारा इस प्रयास में एक निश्चित समय अंतराल के बाद सांचा मोती की शक्ल में तैयार हो जाता है।


मोती पालन से मुनाफा :




जैसा की दोस्तों आपने ऊपर पढ़ा तो इससे कुल मिलाकर यहीं बात सामने आती है की मोती पालन (Pearl Farming) एक ऐसा बिसनेस है, जिसमे सिर्फ दस हजार रुपये खर्च करना है, किसी भी लोन की जरुरत नहीं है, और फायदा लाखों और करोड़ों में हो सकता है। बस इसके लिए आपको एक अच्छा प्रशिक्षण चाहिए।




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Comments Satish kumar on 07-07-2021

pearl farming ki traning Kitena month ki hoti ha

surendra pal singh on 02-04-2020

मोती पालन (Pearl Farming) एक ऐसा बिसनेस है, जिसमे सिर्फ दस हजार रुपये खर्च करना है, किसी भी लोन की जरुरत नहीं है, और फायदा लाखों, करोड़ों में कमा सकते हैं. मोती पालन (Pearl Farming Business) की अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – WhatsApp/call 9540883888






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