Prakash Vidyut Prabhav Kya Hai प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है

प्रकाश विद्युत प्रभाव क्या है



GkExams on 14-11-2018



जब कोई पदार्थ (धातु एवं अधातु ठोस, द्रव एवं गैसें) किसी विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे एक्स-रे, दृष्य प्रकाश आदि) से उर्जा शोषित करने के बाद इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो इसे प्रकाश विद्युत प्रभाव (photoelectric effect) कहते हैं। इस क्रिया में जो इलेक्ट्रॉन निकलते हैं उन्हें "प्रकाश-इलेक्ट्रॉन" (photoelectrons) कहते हैं।


सन 1887 मे एच. हर्ट्स ने यह प्रयोग किया। इसमे कुछ धातुओ (जैसे-पोटैशियम,सीज़ियम,रूबीडियम आदि) की सतह पर उपयुक्त आवृति वाला प्रकाश डालने पर उसमे से इलेक्ट्रॉन निष्काषित होते है। इस परिघटना को प्रकाश विध्युत प्रभाव कहते है। इस प्रयोग से प्राप्त परिणाम इस प्रकार है -

  • (1) धातु की सतह से प्रकाशपुंज टकराते ही इलेक्ट्रॉन निष्काषित हो जाता है अर्थात प्रकाश पड़ने व इलेक्ट्रॉन निकलने मे कोई समय अंतराल नहीं होता है।
  • (2) निष्काषित इलेक्ट्रोनों की संख्या प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है।
  • (3) प्रत्येक धातु के लिए एक अभिलक्षणिक न्यूनतम आवृति होती है, जिसे देहली आवृति (threshold frequency) कहते है। देहली आवृति से कम आवृति पर प्रकाश विध्युत प्रभाव प्रदर्शित नही होता है। f ≥ fο आवृति पर निष्काषित इलेक्ट्रोनो की कुछ गतिज ऊर्जा होती है। गतिज ऊर्जा प्रयुक्त प्रकाश की आवृति के बढ़ने के साथ बढ़ती है।

निष्काषित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा निम्न समीकरण से दी जाती है-

,
hf=hf0 + 2mvm2,

इसको निम्नलिखित प्रकार से भी लिखा जा सकता है-

hf = ϕ + Ek

जहाँ h प्लैंक नियतांक है, f0 देहली आवृत्ति है (फोटॉन की न्यूनतम आवृत्ति जो प्रकाश-इलेक्टान निकालने में सक्षम है), Φ कार्य फलन (वर्क फंक्शन = पदार्थ के अन्दर से फर्मी लेवेल वाले इलेक्त्रानों को बाहर निकालने के लिये आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा) है, तथा Ek प्रयोग में प्राप्त इलेक्ट्रानों की अधिकतम ऊर्जा है।



किसी धातु के प्लेट से एलेक्ट्रानों का उत्सर्जन



प्रकाशविद्युत प्रभाव का अध्ययन करने के लिये प्रयोग। इसमें प्रकाश स्रोत एक पतली आवृत्ति बैण्ड वाला (लगभग एकवर्णी) लेते हैं। इस प्रकाश को कैथोड पर डालते हैं जो निर्वात में स्थित है। एनोड और कैथोड के बीच विभवान्तर से यह निर्धारित हो जाता है कि कैथोड से उत्सर्जित वे ही इलेक्ट्रान एनोड तक आ पायेंगे जिनके पास निकलते समय eV से अधिक गतिज ऊर्जा होगी। धारा की मात्रा (μA), प्राप्त इलेक्ट्रानों की संख्या के समानुपाती होगी।






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Comments Madgu on 14-01-2022

Prakash vaiduth prabav





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