Matrak Ki Paribhasha मात्रक की परिभाषा

मात्रक की परिभाषा



Pradeep Chawla on 12-05-2019

(अंग्रेज़ी:Units)

किसी भौतिक राशि को व्यक्त करने के लिए उसी प्रकार की राशि के मात्रक की

आवश्यकता होती है। प्रत्येक राशि की माप के लिए उसी राशि को कोई मानक मान

चुन लिया जाता है। इस मानक को मात्रक कहते हैं। किसी राशि की माप को प्रकट

करने के लिए दो बातों का बताना आवश्यक है—



  • राशि का मात्रक—भौतिक राशि जिसमें मापी जाती है।
  • आंकिक मान—जिसमें राशि के परिमाण को व्यक्त किया जाता है। इससे

    यह बताना सम्भव होता है कि उस राशि में उसका मात्रक कितनी बार प्रयोग किया

    गया है।


उदाहरण स्वरूप यदि तार की लम्बाई 3 मीटर है , तो इसका अर्थ यह है कि

लम्बाई मापने का मात्रक मीटर है और तार की लम्बाई चुने गये मात्रक मीटर

की तीन गुनी है।

मात्रक दो प्रकार के होते हैं।



मूल मात्रक



मुख्य लेख : मूल मात्रक

मूल मात्रक वे मात्रक हैं, जो अन्य मात्रकों से स्वतंत्र होते हैं,

अर्थात् उनको एक–दूसरे से अथवा आपस में बदला नहीं जा सकता है। उदाहरण के

लिए लम्बाई, समय और द्रव्यमान के लिए मीटर, सेकेण्ड और किलोग्राम का प्रयोग

किया जाता है।



व्युत्पन्न मात्रक



मुख्य लेख : व्युत्पन्न मात्रक

एक अथवा एक से अधिक मूल मात्रकों पर उपयुक्त घातें लगाकर प्राप्त किए गए मात्रकों को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं।







मापने की अन्तर्राष्ट्रीय मान पद्धति या SI पद्धति



भौतिक में अनेक राशियों को मापना पड़ता है और यदि प्रत्येक भौतिक राशि

के लिए अलग मात्रक माना जाए तो मात्रकों की संख्या इतनी अधिक हो जाएगी कि

उनको याद रख सकना असम्भव हो जाएगा। इसीलिए सभी भौतिक राशियों को व्यक्त

करने के लिए एक पद्धति अपनायी गयी है, जिसे मूल मात्रकों की

अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति अथवा इसे SI पद्धति कहते हैं। इस पद्धति के अनुसार यांत्रिकी में आने वाली सभी राशियों को लम्बाई, द्रव्यमान, व समय के मात्रकों में व्यक्त कर सकते हैं। ऊष्मा

गति की, विद्युत तथा चुम्बकत्व एवं प्रकाशिकी में काम आने वाली राशियों को

ताप, विद्युत धारा व ज्योति तीव्रता के मानकों में व्यक्त करते हैं।


1971 में माप और तौल की अन्तर्राष्ट्रीय समिति के द्वारा पदार्थ की मात्रा को मूल राशि मानते हुए मोल को इसका मूल मात्रक निर्धारित किया गया है। इस प्रकार सात भौतिक राशियाँ—



लम्बाई के मात्रक



मीटर-किग्रा.-सेकेण्ड पद्धति में लम्बाई का मात्रक मीटर होता है। यह

प्लेटिनम–इरीडियम मिश्रधातु की छड़ पर 0ºC पर बने दो चिह्नों के बीच की

दूरी को मीटर कहा जाता है। यह छड़ पेरिस के अंतर्राष्ट्रीय माप तौल के

कार्यालय में रखी गई है। 1983 में, माप तौल के एक कॉन्फ्रेंस में मीटर को

पुनः परिभाषित किया गया। इसके अनुसार मीटर वह लम्बाई है, जिसे प्रकाश

निर्वात में 1/299792457 सेकेण्ड में तय करता है। एक अन्य परिभाषा के

अनुसार एक मीटर वह दूरी है, जिसमें शुद्ध क्रिप्टॉन–86 से उत्सर्जित होने

वाले नारंगी प्रकाश की 1,650,763,73 तरंगें आती हैं।





















































लम्बाई के प्रमुख मात्रक

मात्रक

लम्बाई (मीटर में)

मात्रक

लम्बाई (मीटर में)



1 टेरामीटर (T)



1012

1 डेसीमीटर (d)

10-1

1 गीगामीटर (G)

109

1 सेंटीमीटर (c)

10-2

1 मेगामीटर (M)

106

1 मिलीमीटर (m)

10-3

1 मिरियामीटर

104

1 माइक्रोन μ













10-6

1 किलोमीटर (K)

103

1 मिली माइक्रोन m μ























































10-9

1 हेक्टोमीटर

102

1 एंग्ट्राम (Å)

10-10

1 डेकामीटर

10

1 पिकोमीटर (p)

10-12







1 X–मात्रक

10-13







1 फर्मीमीटर (f)

10-15







1 आटोमीटर

10-18



प्रकाश वर्ष- प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को एक

प्रकाश वर्ष कहते हैं। अतः प्रकाश वर्ष, दूरी का मात्रक है। प्रकाश द्वारा

निर्वात में 1 वर्ष में चली गई दूरी 9.46×1015 मीटर होती है। अर्थात्-


1 प्रकाश वर्ष=9.46×1015 मीटर


खगोलिय इकाई- सूर्य व पृथ्वी के बीच की औसत दूरी को एक खगोलीय इकाई कहते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच औसत दूरी 1.496×1011 मीटर होती है। अर्थात्-


1 खगोलीय इकाई=1.496×1011 मीटर


पारसेक- पारसेक Parallactic second का संक्षिप्त रूप है। यह दूरी का मात्रक है। यह 1 सेकेण्ड चाप का लम्बन प्रदर्शित करता है।


1 पारसेक=3×1016 मीटर



द्रव्यमान के मात्रक



S.I. पद्धति में द्रव्यमान का मात्रक किग्रा. है। पेरिस के पास सेवरेस

नगर में अन्तर्राष्ट्रीय माप तौल के कार्यालय में रखे प्लेटिनम–इरीडियम

मिश्र धातु के एक बेलन का द्रव्यमान मानक किग्रा. माना जाता है।











































































































द्रव्यमान के मात्रक

मात्रक

द्रव्यमान

1 टेराग्राम

109 किग्रा

1 जीगाग्राम

106 किग्रा

1 मेगाग्राम

103 किग्रा

1 टन

103 किग्रा

1 क्विटंल

102 किग्रा

1 पिकोग्राम

10-15 किग्रा

1 मिलीग्राम

10-6 किग्रा

1 डेसीग्राम

10-4 किग्रा

1 स्लग

10.57 किग्रा

1 मीट्रिक टन

1000 किग्रा

1 आउन्स

28.35 ग्राम

1 पाउंड

16 आउन्स (453.52 ग्राम)

1 किग्रा

2.205 पाउंड

1 कैरेट

205.3 मिलीग्राम

1 मेगाग्राम

1 टन

1 ग्राम

10-3 किग्रा



समय के मात्रक



S.I. पद्धति में समय का मात्रक सेकेण्ड होता है। एक मध्याह्न से दूसरे मध्याह्न के बीच की अवधि को सौर दिन

कहा जाता है तथा पूरे वर्ष के सौर दिनों के माध्य को माध्य सौर दिन

कहते हैं। इस माध्य सौर दिवस का 1/86400 भाग एक सेकेण्ड के बराबर होता है।



































समय के मात्रक

मात्रक

समय

1 पिकोसेकेण्ड

10-12 सेकेण्ड

1 नैनोसेकेण्ड

10-9 सेकेण्ड

1 माइक्रोसेकेण्ड

10-6 सेकेण्ड

1 माइक्रोसेकेण्ड

1-3 सेकेण्ड



वैद्युत धारा का मात्रक



विद्युत धारा मात्रक ऐम्पियर है। ऐम्पियर वह विद्युत धारा है, जो

निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर स्थित दो सीधे, लम्बे व समान्तर तारों में

प्रवाहित होने पर, प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर तारों के बीच 2×10-7 न्यूटन का बल उत्पन्न करती है।



ताप का मात्रक



ताप का मात्रक केल्विन है। सामान्य वायुमंडलीय दाब पर ग़लते बर्फ़ के ताप तथा जल के ताप के 100वें भाग को एक केल्विन (1 K) कहते हैं।



ज्योति तीव्रता का मात्रक



इसका मात्रक केन्डिला है। मानक स्रोत के खुले मुख के 1 सेमी2 क्षेत्रफल की ज्योति तीव्रता का 1/60वाँ भाग एक केन्डिला कहलाता है। जबकि स्रोत का ताप प्लेटिनम के गलनांक के बराबर हो।


इन सबको मूल राशियाँ कहते हैं। मूल राशियों के मात्रक एक–दूसरे से

पृथक् और स्वतंत्र होते हैं। साथ ही इन राशियों में से किसी एक को किसी

अन्य मात्रकों में न तो बदला जा सकता है और न ही उससे सम्बन्धित किया जा

सकता है। मूल राशियों के मात्रक को मूल मात्रक कहा जाता है। उपर्युक्त सात

मूल भौतिक राशियों के अतिरिक्त दो पूरक मूल राशियाँ कोण तथा घन कोण भी

होती हैं।



तलीय कोण का मात्रक



तलीय कोण का मात्रक रेडियन है। रेडियन वह कोण है, जो वृत्त की त्रिज्या के बराबर एक चाप, वृत्त के केन्द्र पर अन्तरित करता है।



घन कोण का मात्रक



घन कोण का मात्रक स्टेरेडियन है। 1 स्टेरेडियन वह घन कोण है, जो गोले के

पृष्ठ का वह भाग जिसका क्षेत्रफल गोले की त्रिज्या के वर्ग के बराबर होता

है, गोले के केन्द्र पर अन्तरित करता है




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Kajal on 31-10-2022

Matrak kya hai

Sajan.kumar on 13-07-2022

Matra ki paribhasha evam unke matrak it





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment