Rohinni Kaun Thi रोहिणी कौन थी

रोहिणी कौन थी



GkExams on 20-01-2019

रोहिणी वसुदेव की अर्द्धांगिनी तथा बलराम की माता थीं। इन्होंने देवकी के सातवें गर्भ को दैवी विधान से ग्रहण कर लिया था और उसी से बलराम की उत्पत्ति हुई थी। जब यदुवंश का नाश हुआ और दारुक इस समाचार को लेकर द्वारका लौटे, तब वसुदेवदेवकी सहित रोहिणी भी चित्कार करती हुई वहाँ गयीं, जहाँ यदुवंशियों के मृत शरीर पड़े थे। वहाँ जब बलराम तथा कृष्ण, अपने पुत्रों को नहीं पाया, तब वे मूर्च्छित होकर गिर पड़ीं। रोहिणी की यह मूच्छा फिर नहीं टूटी। रोहिणी के साथ वसुदेव-देवकी की भी यही दशा हुई।

परिचय

जब कश्यप जी ने वसुदेव के रूप में जन्म धारण किया, तब उनकी पत्नी सर्पों की माता कद्रू भी रोहिणी के रूप में उत्पन्न हुई। समय आने पर वसुदेव से रोहिणी का विवाह हुआ। इनके अतिरिक्त पौरवी, भद्रा, मदिरा, रोचना, देवकी ने वसुदेव-देवकी को कारागार में बंद कर दिया, तब रोहिणी बड़ी व्याकुल हुई; पर कंस से इनको पति-सेवा के लिये कारागार में जाने की आज्ञा मिल गयी। ये वहाँ जाया करती थीं। इससे इनका दुःख बहुत कुछ कम हो गया था। वहीं जब देवकी में सातवें गर्भ का प्रकाश हुआ, तब इनमें भी साथ-ही-साथ गर्भ के लक्षण दीख पड़े। वसुदेव को चिंता हुई कि जैसे यह कंस देवकी के पुत्रों को मार दे रहा है, वैसे ही रोहिणी के पुत्र को भी कहीं शंकावश न मार दे। इस भय से उन्होंने रोहिणी को अपने भाई ब्रजराज वसुदेव को यह आदेश मिल चुका था कि रोहिणी के पुत्र जन्म की बात सर्वथा गुप्त रखी जाय।


रोहिणी पहले से ही नन्द दम्पति के व्यवहार को देखकर उन पर न्योछावर थीं। पुत्र होने के अवसर पर जब यह उदारता देखी, तब तो उनका रोम-रोम कृतज्ञता से भर गया। उनके नेत्रों से अश्रुधारा बह चली। साथ ही पुत्र की छवि देख-देखकर वे आत्मविस्मृत भी होती जा रही थीं। वह छबि ही जो ऐसी थी- समुदित चन्द्र के समान तो उसका मुख था, विद्युत रेखा-जैसी नेत्रों की शोभा थी, उसके सिर पर नवजलधरकृष्ण केश थे; समस्त अंगों की आभा शारदीय शुभ्र मेघ के समान थी। वह बालक सूर्य के समान दुष्प्रधर्ष तेजःशाली था। ऐसे परम सुन्दर बालक को श्रीरोहिणी ने जन्म दिया था। बालक का इस तरह शोभा सम्पन्न होना सर्वथा उपयुक्त ही था; क्योंकि यह अस्थि-मज्जा-भेद-मांसनिर्मित प्राकृत शिशु तो था नहीं, यह तो परम दिव्य बालक था। बालक भी कथन मात्र का ही, वास्तव में तो स्वयं भगवान ब्रजेन्द्रनन्दन का ‘अनन्त’-‘शेष’ नाम से अभिहित रूप ही बालक बनकर आया था। रोहिणी को एक दुःख भूलता न था। वह था पति-वियोग। पुत्र को देखकर वह दुःखभार बहुत कुछ कम हो गया था। फिर भी रह-रहकर भीतर वह स्मृति जाग उठती और राहिणी पति के लिये व्याकुल हो जातीं; किंतु जिस दिन से यशोदानन्दन का जन्म हुआ, जिस क्षण से रोहिणी ने उन्हें देखा, बस, उसी क्षण से रोहिणी मानों सर्वथा बदल गयीं। उनके हृदय की सारी वेदना, सारी जलन यशोदानन्दन के मुखचन्द्र ने हर ली। उनके प्राण शीतल हो गये। ब्रजपुर में आज पहली बार रोहिणी को गोपियों ने वस्त्राभूषण से सुसज्जित देखा।

वसुदेव का बुलावा

ग्यारह वर्ष, छः महीने राम-श्याम की सुन्दर बाल-लीलाओं से झरती हुई दिव्यातिदिव्य रसमन्दाकिनी ब्रजपुर में प्रवाहित होती रही; उसमें निरन्तर अवगाहन पर रोहिणी धन्य होती रहीं। इसके पश्चात राम-श्याम मधुपुर चले गये। कंस का निधन हुआ, वसुदेव कारागार से मुक्त हुए, पुत्रों को हृदय से लगाकर वसुदेव ने छाती ठंडी की। यह होने पर उन्होंने रोहिणी को बुलाने के लिये ब्रजपुर में दूत भेजा। पति का आहवान सुनकर रोहिणी की विचित्र ही अवस्था हुई। वे व्याकुल होकर मन-ही-मन सोचने लगीं- "आह ! एक ओर पति की आज्ञा है, उसे मैं टाल नहीं सकती; अपने दोनों पुत्रों को देखने की इच्छा छोड़ देना भी मेरे वश की बात नहीं। पर, हाय ! श्रीकृष्णजननी नन्द अन्तर्धान होने लगे, तब वे भी नित्य लीला की रोहिणी में मिल गयीं। अवश्य ही जनसाधारण की दृष्टि में तो रोहिणी जी ब्रजपुर से लौट आयीं तथा श्रीकृष्णचन्द्र की शेष लीला में योगदान करती रहीं। जब यदुकुल ध्वंस हुआ और दारुक इस समाचार को लेकर द्वारका लौटे, तब वसुदेवदेवकी सहित रोहिणी चित्कार करती हुई वहाँ गयीं, जहाँ यदुवंशियों के मृत शरीर पड़े थे। वहाँ जब बलराम-कृष्ण को-अपने पुत्रों को नहीं पाया, तब वे मूर्च्छित होकर गिर पड़ी। रोहिणी की यह मूच्छा फिर नहीं टूटी। रोहिणी के साथ वसुदेव-देवकी की भी यही दशा हुई।






सम्बन्धित प्रश्न



Comments Rohini Dulal das on 15-04-2022

Rohini ke pita ka naam kya hai

Rajesh on 08-10-2021

Rohani ke bhai kaun he

Madhav on 13-06-2020

Rohini ke mata pita kon thay


Brajesh kumar on 03-04-2020

Rohini ji ka mata ka kya name hai

jigar on 04-01-2020

rohni ke pita kaun the





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment