निबंध शब्द ‘नि+बंध’ से बना है, जिसका अर्थ है अच्छी तरह से बँधा हुआ। इनकीभाषा विषय के अनुकूल होती है। निबंध की शक्ति है अच्छी भाषा। भाषा के अच्छे प्रयोगद्वारा ही भावों विचारों और अनुभवों को प्रभावशाली दंग से व्यक्त किया जा सकता है।
- बाबू गुलाब राय के अनुसार-’’निबंध का आकार सीमित होता है, उसमें निजीपन होताहै, स्वच्छ और सजीव होता है।’’
- आचार्य शुक्ल के अनुसार-’’यदि गद्य कवियों को कसौटी है, तो निबंध गद्य की।’’
- पं.श्यामसुंदर दास-’’निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तारपूर्वक औरपाण्डित्यपूर्व ढंग से विचार किया गया हो।’’
इस प्रकार निबंध किसी विषय पर विचार प्रगट करने की कला है। इसमें विचारोंको क्रमबद्ध रूप में पिरोया जाता है। इसमें ज्ञान विचार और व्यक्तित्व का अद्भुत संगमहोता है। यद्यपि निबंध लिखने का कोर्इ निश्चित सूत्र नहीं है। फिर भी निम्नलिखितबिन्दुओं पर ध्यान देना अच्छे निबंध की विशेषताएं है:-
- कसावट, प्रभावशाली भाषा, विषयानुकूलता
- निबंध में विचार और भाषा दोनों में ही कसावट का गुण होना चाहिए।उद्धरणों की भाषा न बदली जाये ।
- निबंध का अर्थ ही है भली भांति बंघा हुआ या कसा हुआ। विराम चिन्होंका समुचित प्रयोग आवश्यक है।
- विचार बिखरे न हों। चयनित विषय पर चिंतन मनन करें ।
- विचारों में एक श्रंृखला हो जो क्रमबद्ध हो ।
- विचारों में संतुलन हो अर्थात् प्रमुख बातों पर अधिक महत्व एवं गौण बातोंको कम महत्व देना चाहिए। निबंध स्पष्ट होना चाहिए।
- निबंध में बदलती हुर्इ विषय-सामग्री के अनुसार पैराग्राफ बदलने चाहिए।
निबंध के अंग
निबंध के चार अंग निश्चित किए गए-
- शीर्षक-शीर्षक आकर्षक होना चाहिए ताकि लोगों में निबंध पढ़ने कीउत्सुकता पैदा हो जाए।
- प्रस्तावना-निबंध की श्रेष्ठता की यह नींव होती है। इसे
भूमिका भी कहाजाता है। यह अत्यंत रोचक और आकर्षक होनी चाहिए परन्तु यह बहुत लम्बी नहीं होनीचाहिए। भूमिका इस प्रकार की हो जो विषयवस्तु की झलक प्रस्तुत कर सकें। - विस्तार-यहीं विचारों का विकास होता है। यह निबंध का सर्वप्रमुख अंशहै। इनका संतुलित होना अत्यंत आवश्यक है। यहीं निबंधकार अपना दृष्टिकोण प्रगटकरता है।
- उपसंहार-निबंध का समापन एक निश्चित क्रम में होता है। लेखक अपनादृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। उपदेश, दूसरे के विचारों को उद्घृत कर या कविता की पंक्तिके माध्यम से निबंध समाप्त किया जा सकता है।
निबंध के प्रकार
- वर्णनात्मक निबंध-उस निबंध को कहते हैं जिसमें किसी घटना, वस्तुअथवा स्थान का वर्णन होता है। वर्णन के लिए भाषा सरल और ओजस्वी होनी चाहिएऔर शैली रोचक। निबंध पढ़कर उस वस्तु घटना या स्थान का पूरा चित्र आँखों के सामनेआ जाना चाहिए। किसी त्यौहार जैसे-होली, दीपावली, र्इद या क्रिसमस, यात्रा, दृश्य,स्थान या घटना, गणतंत्र दिवस की परेड, ताजमहल, ओलपिक खेल आदि पर लिखे गएनिबंध प्राय: वर्णनात्मक निबंध कहलाते है।
- विचारात्मक निबंध-विचार या चिंतन की प्रधानता होने के कारण इन्हेंविचारात्मक निबंध कहते हैं। इस प्रकार के निबंध लिखना प्राय: कठिन होता है, भूदान-यज्ञ,अहिंसा परमो धर्म:, अछतोद्धार विधवा-विवाह जैसे सामजिक राष्ट्रीय एकता, विश्वबंधुत्वजैसे राजनीतिक तथा र्इश्वर, आत्मा जैसे दार्शनिक विषय आते है।
- भावात्मक निबंध-भावना प्रधान कहलाते हैं जैसे- वसंतोत्सव, चांदनीरात, बुढ़ापा, बरसात का पहला दिन, मेरे सपनों का भारत आदि। इसमें कल्पनात्मकनिबंध भी आते हैं। कल्पनात्मक निबंध के उदाहरण है- ‘यदि मैं प्रधानमंत्री होता’ मेरीअभिलाषा, ‘नदी की आत्मकथा’ आदि।
- साहित्यिक या आलोनात्मक निबंध-किसी साहित्यकार, साहित्यिकविधा या साहित्यिक प्रवृत्ति पर लिखा गया निबंध साहित्यिक या आलोचनात्मक निबंधकहलाता है, जैसे मुंशी प्रेमचंद, तुलसीदास, आधुनिक हिन्दी कविता, छायावाद हिन्दीसाहित्य का स्वर्णयुग आदि। इसमें ललित निबंध भी आते हैं। इनकी भाषा काव्यात्मक औररसात्मक होती है। ऐसे निबंध शोध पत्र के रूप में अधिक लिखे जाते हैं।
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