बिश्नोई Samaj History बिश्नोई समाज हिस्ट्री

बिश्नोई समाज हिस्ट्री



GkExams on 12-05-2019

बिश्नोई भारत का एक हिन्दू सम्प्रदाय है जो जिसके अनुयायी राजस्थान आदि प्रदेशों में पाये जाते हैं। श्रीगुरु जम्भेश्वर जी पंवार को बिश्नोई पंथ का संस्थापक माना जाता है।



सम्वत् 1542 तक जाम्भोजी की कीर्ति चारों और फेल गई और अनेक लोग उनके पास आने लगे व सत्संग का लाभ उठाने लगे। इसी साल राजस्थान में भयंकर अकाल पड़ा। इस विकट स्थिति में जाम्भोजी महाराज ने अकाल पीडि़तों की अन्न व धन्न से भरपूर सहायता की। जो लोग संभराथल पर सहायत हेतु उनके पास आते, जांभोजी महाराज अपने अखूठ (अकूत) भण्डार से लोगों को अन्न धन्न देते। जितने भी लोग उनके पास आते, वे सब अपनी जरूरत अनुसार अन्न जले जाते। सम्वत् 1542 की कार्तिक बदी 8 को जांभोजी महाराज ने एक विराट यज्ञ का आयोजन सम्भराथल धोरे पर किया, जिसमें सभी जाति व वर्ग के असंख्य लोग शामिल हुए।ज्यादातर बिश्नोई जाट से बने हैं जिन्हें बिश्नोई जाट भी कहा जाता है। गुरु जम्भेश्वर भगवान ने इसी दिन कार्तिक बदी 8 को सम्भराल पर स्नान कर हाथ में माला औरमुख से जप करते हुए कलश-स्थापन कर पाहल (अभिमंत्रित जल) बनाया और 29 नियमों की दीक्षा एवं पाहल देकर बिश्नोई धर्म की स्थापना की।



बिश्नोई दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है: बीस + नो अर्थात [(२९)] अर्थात जो उनतीस नियमों का पालन करता है। 29 नियमो को कुछ हद तक सरलता में समझाने की कोशिश इस प्रकार है बिश्नोई के घर में जब किसी बच्चे का जन्म होता हैं तो तीस दिन के बाद उसको सँस्कार ओर 120 शब्दो से हवन करके तथा पाहल पिला कर बिश्नोई बनाया जाता हैं 1तीस दिन सूतक, महिला जब पांच दिन पीरियड के समय हो तो रसोईघर में नही जाती पूजा पाठ नही करती 2पांच दिन ऋतुवती न्यारो , सुबह अम्रत वेला यानी कि सूर्य के उदय होने से पहले स्नान करना 3सेरा करो स्नान, प्रतिदिन प्रात:काल स्नान करना। शीलता का पालन करना हमेशा शील गुण रखना किसी के प्रति वैर भाव नही रखना4. शील का पालन करना। सतोषि नर सदा सुखी मन में हमेशा सतोष रखना 5. संतोष का धारण करना। 6. बाहरी एवं आन्तरिक शुद्धता एवं पवित्रता को बनाये रखना। सुबह ,दोपहर ओर शाम के समय विष्णु भगवान् की पूजा जप करना7. तीन समय संध्या उपासना करना। सुबह और शाम दोनों समय सन्ध्या की वेला हो तो हरि गुण गाना8. संध्या के समय आरती करना एवं ईश्वर के गुणों के बारे में चिंतन करना। 9. निष्ठा एवं प्रेमपूर्वक हवन करना। 10. पानी, ईंधन व दूध को छान-बीन कर प्रयोग में लेना। हमेशा शुद्ध और मीठी वाणी बोलना कभी अप्रिय भाषा का प्रयोग नही करना 11. वाणी का संयम करना। 12. दया एवं क्षमा को धारण करना। 13. चोरी नही करना 14.किसी की निंदा नही करना 15. झूठ तथा 16. वाद – विवाद का त्याग करना। 17. अमावश्या के दिनव्रत करना। 18. विष्णु का भजन करना। 19. जीवों के प्रति दया का भाव रखना। 20. हरा वृक्ष नहीं कटवाना। 21. काम, क्रोध, मोह एवं लोभ का नाश करना। 22. रसोई अपने हाध से बनाना। ऐसे वैसी जगह में जहाँ शुद्ध भोजन ना हो वहाँ नही खाना चाहिए 23. परोपकारी पशुओं की रक्षा करना। ओर ये सब नशे है जो नही करना 24. अमल, 25. तम्बाकू, 26. भांग 27. मद्य तथा 28. नील का त्याग करना। बैल को बाधना नही चाहिए 29. बैल को बधिया नहीं करवाना।


GkExams on 12-05-2019

बिश्नोई भारत का एक हिन्दू सम्प्रदाय है जो जिसके अनुयायी राजस्थान आदि प्रदेशों में पाये जाते हैं। श्रीगुरु जम्भेश्वर जी पंवार को बिश्नोई पंथ का संस्थापक माना जाता है।



सम्वत् 1542 तक जाम्भोजी की कीर्ति चारों और फेल गई और अनेक लोग उनके पास आने लगे व सत्संग का लाभ उठाने लगे। इसी साल राजस्थान में भयंकर अकाल पड़ा। इस विकट स्थिति में जाम्भोजी महाराज ने अकाल पीडि़तों की अन्न व धन्न से भरपूर सहायता की। जो लोग संभराथल पर सहायत हेतु उनके पास आते, जांभोजी महाराज अपने अखूठ (अकूत) भण्डार से लोगों को अन्न धन्न देते। जितने भी लोग उनके पास आते, वे सब अपनी जरूरत अनुसार अन्न जले जाते। सम्वत् 1542 की कार्तिक बदी 8 को जांभोजी महाराज ने एक विराट यज्ञ का आयोजन सम्भराथल धोरे पर किया, जिसमें सभी जाति व वर्ग के असंख्य लोग शामिल हुए।ज्यादातर बिश्नोई जाट से बने हैं जिन्हें बिश्नोई जाट भी कहा जाता है। गुरु जम्भेश्वर भगवान ने इसी दिन कार्तिक बदी 8 को सम्भराल पर स्नान कर हाथ में माला औरमुख से जप करते हुए कलश-स्थापन कर पाहल (अभिमंत्रित जल) बनाया और 29 नियमों की दीक्षा एवं पाहल देकर बिश्नोई धर्म की स्थापना की।



बिश्नोई दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है: बीस + नो अर्थात [(२९)] अर्थात जो उनतीस नियमों का पालन करता है। 29 नियमो को कुछ हद तक सरलता में समझाने की कोशिश इस प्रकार है बिश्नोई के घर में जब किसी बच्चे का जन्म होता हैं तो तीस दिन के बाद उसको सँस्कार ओर 120 शब्दो से हवन करके तथा पाहल पिला कर बिश्नोई बनाया जाता हैं 1तीस दिन सूतक, महिला जब पांच दिन पीरियड के समय हो तो रसोईघर में नही जाती पूजा पाठ नही करती 2पांच दिन ऋतुवती न्यारो , सुबह अम्रत वेला यानी कि सूर्य के उदय होने से पहले स्नान करना 3सेरा करो स्नान, प्रतिदिन प्रात:काल स्नान करना। शीलता का पालन करना हमेशा शील गुण रखना किसी के प्रति वैर भाव नही रखना4. शील का पालन करना। सतोषि नर सदा सुखी मन में हमेशा सतोष रखना 5. संतोष का धारण करना। 6. बाहरी एवं आन्तरिक शुद्धता एवं पवित्रता को बनाये रखना। सुबह ,दोपहर ओर शाम के समय विष्णु भगवान् की पूजा जप करना7. तीन समय संध्या उपासना करना। सुबह और शाम दोनों समय सन्ध्या की वेला हो तो हरि गुण गाना8. संध्या के समय आरती करना एवं ईश्वर के गुणों के बारे में चिंतन करना। 9. निष्ठा एवं प्रेमपूर्वक हवन करना। 10. पानी, ईंधन व दूध को छान-बीन कर प्रयोग में लेना। हमेशा शुद्ध और मीठी वाणी बोलना कभी अप्रिय भाषा का प्रयोग नही करना 11. वाणी का संयम करना। 12. दया एवं क्षमा को धारण करना। 13. चोरी नही करना 14.किसी की निंदा नही करना 15. झूठ तथा 16. वाद – विवाद का त्याग करना। 17. अमावश्या के दिनव्रत करना। 18. विष्णु का भजन करना। 19. जीवों के प्रति दया का भाव रखना। 20. हरा वृक्ष नहीं कटवाना। 21. काम, क्रोध, मोह एवं लोभ का नाश करना। 22. रसोई अपने हाध से बनाना। ऐसे वैसी जगह में जहाँ शुद्ध भोजन ना हो वहाँ नही खाना चाहिए 23. परोपकारी पशुओं की रक्षा करना। ओर ये सब नशे है जो नही करना 24. अमल, 25. तम्बाकू, 26. भांग 27. मद्य तथा 28. नील का त्याग करना। बैल को बाधना नही चाहिए 29. बैल को बधिया नहीं करवाना।




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Comments Harshita Vishnoi on 24-10-2023

Kuchh baniye bhi the and other cast bhi jisko unke gotra se pta lagaya ja sakta h ki bo Vishnoi se phle kya the.

Anil sain on 17-08-2023

Jebesvar bagvan ki book ka nam

उत्कर्ष on 07-06-2023

निहालचंद्र बिश्नोई को कोनसे चक्र से सम्मानित किया गया।


Neha on 22-02-2023

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Banna on 14-11-2022

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Anuj on 06-06-2021

शब्द वाणी के प्रथम शब्द कहने की घटना किस संवत की मानी जाती है



Ashok Bishnoi suthar on 16-01-2020

जाति सुथार से बने बिश्नोई

Vicky Nayek on 16-02-2020

Sabse jyada bhedbhav and jativaad Bishnoi samaj me h ,,, Aesa kyu Jambo ji ne to aesa koi niyam nhi banaya,,,fir itna jyada unch-Nich ana bhedbhav kis liye h

Khejdi ka brach jaisa hota hai ? on 19-03-2020

Khejdi ka brach jaisa hota hai

Tushar bishnoi on 11-06-2020

श्री जभेसराय नमः


सचिन on 22-11-2020

अधिकांश जात थे तो बाकी कौन थे

Shakti king on 04-05-2021

Bisnoi is rajpoot cast



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