Brahm Samaj Ka Sidhhant ब्रह्म समाज का सिद्धांत

ब्रह्म समाज का सिद्धांत



GkExams on 02-11-2018


"ब्रह्म का समाज” या ब्रह्म समाज की स्थापना 1828 में राजा राम मोहन रॉय (1772-1833) द्वारा कलकत्ता में की गयी थी। राजा राम मोहन रॉय को, भारत में उन्नीसवीं सदी में भारत के पुनर्जागरण का जनकभी कहा जाता है। रॉय जन्म से एक बंगाली ब्राह्मण थे, जिन्हें अंग्रेजी, लैटिन, ग्रीक और के साथ ही संस्कृत, फारसी और बंगाली का अच्छा ज्ञान था, और वे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के राजस्व विभाग में कार्यरत थे। राजा राम मोहन रॉय ने वैदिक संस्कृत तथा ग्रीक और लैटिन भाषा में पश्चिमी साहित्यों को भी पढ़ा था। धर्म के एक मेधावी छात्र के रूप में राजा राम मोहन रॉय ने सबसे पहले हिंदू ग्रंथों पर ध्यान केंद्रित किया और उनमे से कई का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया, इसके बाद उन्होंने ईसाई धर्म के विषय में भी महारत हासिल की। 1815 में राजा राम मोहन रॉय ने अपने कुछ साथियों के साथ 'आत्मीय सभा’ स्थापित की थी, जिसमे वेदों का पाठ और ब्रह्म संगीत गाये जाते थे। इस संस्था का बहुत प्रकार से विरोध भी हुआ, परन्तु रॉय निराश नहीं हुए, और कुछ वर्षों के बाद राममोहन राय और उनके कुछ सहयोगियों श्री द्वारकानाथ ठाकुर, कालीनाथ मुंशी, प्रसन्न्कुमार ठाकुर आदि ने इस सभा को स्थायी रूप देने का निश्चय किया, और 1828 में उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की। ब्रह्म समाज में वेदों और उपनिषदों के अध्ययन पर और एक ईश्वर के सिद्धांत पर जोर दिया गया। ब्रह्म समाज में तीर्थयात्रा, मूर्तिपूजा, कर्मकाण्ड आदि की आलोचना की गयी। इसके अलावा बहु- विवाह, बाल- विवाह, सती प्रथा आदि के वेदों के विरुद्ध एवं त्याज्य माना गया। ब्रह्म समाज में ईसाई धर्म की भी प्रशंसा की गयी, परन्तु इसे किसी भी तरह हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ नहीं माना गया। राजा राम मोहन रॉय ने कोई नया धर्म नहीं चलाया, बल्कि प्राचीन भारतीय वैदिक धर्म को ही मान्यता दी।


राजा राम मोहन रॉय ने1809 मेंतुहफतुल-मुवाहिद्दीन याएकेश्वरवादियों को उपहार (Tuhfat-ul-Muwahhidin or A Gift to Monotheists) नामक पुस्तक लिखी, और 1817 में डेविड हेयर के सहयोग से कलकत्ता में हिन्दू कालेजकी स्थापना भी की। 1825 में उन्होंने वेदांत कालेज की भी स्थापना की। राजा राम मोहन रॉय ने भारतीय समाज की विभिन्न कुरीतियों को भी दूर करने का प्रयास किया, जिनका सबसे प्रमुख कार्य सती प्रथा के उन्मूलन के सम्बन्ध में था, जिसे 17वें रेग्युलेशन एक्ट द्वारा अपराध घोषित कर दिया गया था। राजा राम मोहन रॉय ने संवाद कौमुदी (Sambad Kaumudi, 1821) तथा मिरात-उल-अख़बार(Mirat-ul-Akbar, 1822) का भी प्रकाशन किया। इन्हें भारतीय पत्रकारिता का जनक भी कहा जाता है।


27 सितंबर 1833 को ब्रिस्टल, इंग्लैंड में राजा राम मोहन रॉय का निधन हो गया। इनके पश्चात् रवीन्द्र नाथ टैगोर के पिता, देवेन्द्रनाथ टैगोर (1818-1905 ई.) ने ब्रह्मसमाज को आगे बढ़ाया। देवेन्द्र नाथ टैगोर इससे पहले ज्ञानवर्धनी एवं तत्वबोधिनी सभा से सम्बंधित थे, जो बंगला भाषा में तत्वबोधिनी पत्रिका का प्रकाशन करता था। देवेन्द्र नाथ टैगोर ने, केशवचन्द्र सेन को ब्रह्मसमाज का आचार्य नियुक्त किया। केशवचन्द्र सेन के प्रयासों से इस आन्दोलन को बल मिला। 1861 ई. में केशवचन्द्र सेन ने 'इण्डियन मिरर' नामक पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया, जो भारत में अंग्रेजी का पहला दैनिक था। केशवचन्द्र सेन ने ब्रह्म समाज के विचारो के प्रसार के लिए विभिन्न जगहों पर यात्रायें भी की, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण में मद्रास में वेद समाज और महाराष्ट्र में प्रार्थना समाज की स्थापना हुई। 1865 में केशवचन्द्र सेन और देवेन्द्रनाथ टैगोर के अनुयायियों के विचारों में मतभेद के कारण, देवेन्द्रनाथ टैगोर के अनुयायियों ने अलग होकर आदि ब्रह्मसमाज का गठन कर लिया। 1878 में ब्रह्म समाज में दूसरा विभाजन तब हुआ केशवचन्द्र सेन ने ब्रह्म समाज के विचारों के खिलाफ अपनी अल्पायु पुत्री का विवाह कूचबिहार के महाराजा से कर दिया। अब केशव चन्द्र सेन के अनुयायियों, आनंद मोहन बोस, विपिन चन्द्र पाल, द्वारिकानाथ गांगुली, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी आदि ने उनसे अलग होकर 'साधारण ब्रह्मसमाज' की स्थापना की। केशव चन्द्र सेन ने तत्व कौमुदी, द इंडियन मैसेंजर, द संजीवनी, द नव भारत प्रवासी आदि पत्र पत्रिकाओं का प्रकाशन किया।




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Comments Jagdish on 21-10-2023

ब्रह्म समाज के सिद्धांत

अरविंद सांखला on 21-08-2023

ब्रह्मसमाज के दो प्रमुख सिद्धांत लिखिए

अरविंद on 25-04-2023

Barhma samaj ke do Pramukh Siddhant


Gautam on 08-04-2023

Brahman Samaj ke Siddhant per aadharit hai

Saroj choudhary on 30-09-2022

ब्रह्म समाज के दो प्रमुख सिद्धांत क्या हैं

Mili devnath on 07-01-2022

Brahma samaj ke siddhant

Neha on 30-12-2021

Light up the principales of brahma samaj


Jetharam on 29-11-2021

ब्रह्म समाज के दो प्रमुख सिद्धांत



Jyoti on 12-04-2021

Bramha shamaj ki visheshta

Sapna on 09-05-2021

ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धांत

Jagdish Jagdish on 12-06-2021

ब्रह्मा समाज के दो प्रमुख सिद्धांत बताइए



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