Nijikaran Ke Fayde निजीकरण के फायदे

निजीकरण के फायदे



GkExams on 24-09-2022


निजीकरण के बारें में (Privatization In Hindi) : निजीकरण को सरल शब्दों में समझें तो यह दो असंबंधित लेनदेनों के वर्णन के लिए भी उपयोग किया गया है। पहला (examples of privatization) खरीद है, जैसे किसी सार्वजनिक निगम या स्वामित्व वाली कंपनी के स्टॉक के सभी शेयर बहुमत वाली कंपनी द्वारा खरीदा जाना, सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले स्टॉक का निजीकरण है, जिसे प्रायः निजी इक्विटी भी कहते हैं।


इसके अलावा दूसरा है - एक पारस्परिक संगठन या सहकारी संघ का पारस्परिक समझौता रद्द कर के एक संयुक्त स्टॉक कंपनी बनाना।


Nijikaran-Ke-Fayde


आपको बता दे की किसी भी देश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः दो क्षेत्रों से संचालित होती है – सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र। स्वतंत्रता के तुरन्त बाद तत्कालीन परिस्थितियों में निजी क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र की तुलना में ज्यादा मजबूत नहीं था, इसलिए अर्थव्यवस्था के सर्वांगीण विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र को ही आधार बनाया गया।


भारत में निजीकरण (Privatization In India) :




वर्ष 1991 में भारत को विदेशी कर्ज के मामले में संकट का सामना करना पड़ा। सरकार अपने विदेशी कर्ज का भुगतान करने की स्थिति में नहीं थी। पेट्रोल आदि आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए सामान्य रूप से रखा गया विदेशी मुद्रा रिजर्व 15 दिनों के लिए आवश्यक आयात का भुगतान करने योग्य भी नहीं बचा था।


इस संकट को आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने और भी गहन (privatization advantages and disadvantages) बना दिया था। इन सभी कारणों से सरकार ने कुछ नई नीतियों को अपनाया और इसने हमारी विकास रण-नीतियों की संपूर्ण दिशा को ही बदल दिया।


इसलिए हमारे देश में सबसे पहले वर्ष 1991-92 में सरकार ने विनिवेश द्वारा 2500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। सरकार उस लक्ष्य से 3040 करोड़ अधिक जुटा पाने में सफल रही। इसके बाद वर्ष 2013-14 में लक्ष्य तो लगभग 56,000 करोड़ के विनिवेश का था, पर उपलब्धि लगभग 26,000 करोड़ की रही। फिर सरकार साल 2017-18 में एक लाख करोड़ तो इसके एक साल बाद 80,000 करोड़ के लक्ष्य की तुलना में 85,000 करोड़ जुटाने में कामयाब रही थी।


निजीकरण के फायदे :




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा निजीकरण के फायदों (Advantages of privatization) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • उत्पादन एवं उत्पादक क्षमता में वृद्धि होगी।
  • निवेश के क्षेत्र में वृद्धि होगी।
  • बहुराष्ट्रीय कंपनियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सुधार होने लगा है।
  • जीडीपी के आकार में वृद्धि होगी।



  • निजीकरण के नुकसान :




    यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा निजीकरण के नुकसानों (disadvantages of privatization) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • सामाजिक हित के स्थान पर स्वहित का महत्व बढेगा।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की कमी होगी।
  • वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य बढ़ जाएगा।
  • गरीब वर्ग को और अधिक संघर्ष करना पड़ेगा।




  • सम्बन्धित प्रश्न



    Comments महेंद्र on 11-01-2024

    निजीकरण के नकारात्मक प्रभाव क्या है

    Shilpi on 01-05-2023

    Nijikaran se rojgaar ghatenge y

    aman on 02-06-2022

    nijikaran ke kya kya fayde hai


    shailendra on 25-01-2021

    na

    Riya jha on 30-08-2020

    Nirji kran ke fayde





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