Q.26579: राजस्थान का वह दुर्ग जिसके संबंध में अबुल फजल ने लिखा है कि "यह दुर्ग इतनी बुलंदी पर बना हुआ है कि नीचे से ऊपर की ओर देखने पर सिर से पगड़ी गिर जाती है।" |
व्याख्या:- कुम्भलगढ़ का दुर्ग राजस्थान ही नहीं भारत के सभी दुर्गों में विशिष्ठ स्थान रखता है। उदयपुर से ७० किमी दूर समुद्र तल से १,०८७ मीटर ऊँचा और ३० किमी व्यास में फैला यह दुर्ग मेवाड़ के यशश्वी महाराणा कुम्भा की सूझबूझ व प्रतिभा का अनुपम स्मारक है। इस दुर्ग का निर्माण सम्राट अशोक के द्वितीय पुत्र संप्रति के बनाये दुर्ग के अवशेषों पर १४४३ से शुरू होकर १५ वर्षों बाद १४५८ में पूरा हुआ था। दुर्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर महाराणा कुम्भा ने सिक्के डलवाये जिन पर दुर्ग और उसका नाम अंकित था। वास्तुशास्त्र के नियमानुसार बने इस दुर्ग में प्रवेश द्वार, प्राचीर, जलाशय, बाहर जाने के लिए संकटकालीन द्वार, महल, मंदिर, आवासीय इमारतें, यज्ञ वेदी, स्तम्भ, छत्रियां आदि बने है।
राजस्थान का वह दुर्ग जिसके संबंध में अबुल फजल ने लिखा है कि "यह दुर्ग इतनी बुलंदी पर बना हुआ है कि नीचे से ऊपर की ओर देखने पर सिर से पगड़ी गिर जाती है।" - The fort of Rajasthan, in relation to which Abul Fazl has written that "This fort is built on such a height that the turban falls from the head when viewed from the bottom up." - Rajasthan Ka Wah Durg Jiske Sambandh Me Abul Fazal Ne Likha Hai Ki " " Yah Durg Itni bulandi Par Banaa Hua Hai Ki Niche Se Upar Ki Or Dekhne Par Sir Se Pagdi Gir Jati Hai Rajasthan GK in hindi, दुर्ग और किले KumbhalGadh , RajSamand question answers in hindi pdf Mehrangadh , Jodhpur questions in hindi, Know About Lohagadh , Bharatpur Rajasthan GK online test Rajasthan GK MCQS Online Coaching in hindi quiz book Bhatner , Hanumangarh