साबरमती नदी
साबरमती नदी का उद्गम उदयपुर जिलें के कोटडा तहसील में स्थित अरावली की पहाड़ियों से होता है। 45 कि.मी. राजस्थान में बहने के पश्चात खंभात की खाडी में जाकर समाप्त हो जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 416 कि.मी है। गुजरात में इसकी लम्बाई 371 कि.मी. है। बाकल, हथमती, बेतरक, माजम, सेई व मेश्वा इसकी सहायक नदियाँ है।
उदयपुर जिले में झीलों को जलापूर्ति के लिए साबरमती नदी में उदयपुर के देवास नामक स्थान पर 11.5 किमी. लम्बी सुरंग निकाली गई है। जो राज्य की सबसे लम्बी सुरंग है।
गुजरात की राजधानी गांधीनगर साबरमती के तट पर स्थित है। 1915 में गांधी जी ने अहमदाबाद में साबरमती के तट पर साबरमती आश्रम की स्थापना की।
वाकल का उद्गम उदयपुर में गोगुन्दा की पहाडियों से होता है। उदयपुर से बहकर गुजरात व उदयपुर की सीमा पर साबरमती में मिल जाती है। सहायक नदियां मानसी पारवी है।
सेई नदी यह उदयपुर जिले के पादरना गांव की पहाडियों से निकलकर गुजरात में साबरमती में मिल जाती है।